नई दिल्ली। वर्तमान समय की सबसे बड़ी खबर तो यही है कि फेसबुक (Facebook) ने अपना नाम (Facebook name) बदल दिया है। जाहिर है कि Facebook के सीईओ Mark Zuckerberg ने हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म के नए नाम का ऐलान किया है। अब इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को Meta के नाम से जाना जाएगा। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों कंपनी ने अपने नाम को बदला और इससे यूजर्स पर क्या असर होगा।
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तो इस वजह से बदला नाम-
फेसबुक (Facebook) ने Metaverse के कारण अपना नाम बदला है। Metaverse की बात करें तो यह वर्चुअल कंप्यूटर जनरेट स्पेस है, जहां पर यूजर्स एक-दूसरे के साथ आसानी से जुड़े रह सकते हैं। यह स्पेस वर्चुअल रियलिटी तकनीक पर आधारित है। मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि मेटावर्स के आने से यूजर्स को बहुत फायदा होगा। इसमें यूजर्स को पेरेंटल कंट्रोल जैसे लेटेस्ट फीचर्स का सपोर्ट दिया जाएगा। इसके अलावा वर्चुअल स्पेस में यूजर्स का निजी डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।
तो ये है नए नाम के फायदे-
सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए बता दें फेसबुक(Facebook name) को नए नाम का सुझाव पूर्व सिविक इंटीग्रिटी चीफ समिध चक्रवर्ती ने दिया था। कुछ समय पहले कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में भारी निवेश किए थे, जिसके बाद से ही नाम बदलने के कयास लगाए जा रहे थे। अब कंपनी ने अपना नाम बदल दिया है। इससे अब रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और एक वर्चुअल दुनिया का निर्माण होगा।
नए नाम का यूजर्स पर ऐसा होगा असर-
कंपनी के मुताबिक, मेटावर्स वर्चुअल स्पेस को थ्री-डायमेंशन में प्लेस किया गया है, जहां यूजर्स अपना अवतार बना सकते हैं जो उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। यह स्पेस दुनियाभर के यूजर्स को वीडियो गेम खेलने, फिल्म देखने, संगीत कार्यक्रमों में भाग लेने, सहकर्मियों के साथ जुड़े रहने में मदद करेगा। इतना ही नहीं इस वर्चुअल स्पेस में यूजर्स वैसे ही दोस्तों से मिल पाएंगे जैसे वह आमने सामने मिलते हैं। कंपनी का मानना है कि इससे यूजर्स का अनुभव बेहतर होगा। इसके अलावा वीआर हैंडसेट के जरिए यूजर्स आने भविष्य में वर्चुअल स्पेस में ट्रैवल भी कर पाएंगे।
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