नई दिल्ली। श्रीलंका में आर्थिक संकट (Sri Lanka Crisis) के साथ वहां अब राजनीतिक संकट भी गहराता दिख रहा है। आज प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के अनुरोध के बाद पीएम महिंदा ने यह फैसला लिया है। उनसे आपातकाल की स्थिति के बाद गहराते आर्थिक संकट के कारण पद छोड़ने का अनुरोध किया गया था। बता दें कि महिंदा ने इसकी जानकारी अपनी कैबिनेट को पहले ही दे दी थी।
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राजपक्षे ने दिया बयान
प्रधानमंत्री राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने कहा कि वह जनता के लिए ‘कोई भी बलिदान’ देने को तैयार हैं। उनके इस कथन से इन अटकलों को बल मिल गया था कि राजपक्षे आज इस्तीफा दे देंगे। उनके छोटे भाई और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की आर्थिक संकट से घिरी सरकार पर देश को उबारने के लिए अंतरिम सरकार बनाने का दबाव बढ़ गया है।
आर्थिक संकट से निपटने तक अंतरिम व्यवस्था मौजूद
अपनी ही श्रीलंका पोदुजन पेरामुन (एसएलपीपी) के भीतर इस्तीफा देने के भारी दबाव से जूझ रहे राजपक्षे (76) अब तक, इस्तीफा न देने का दबाव बनाने के लिए अपने समर्थकों को एकजुट कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि उनके छोटे भाई राष्ट्रपति गोतबाया रापजक्षे ने अपनी इच्छा प्रत्यक्ष रूप से जाहिर नहीं की, लेकिन वह उनका इस्तीफा चाहते हैं।
राष्ट्रपति उनका इस्तीफा इसलिए चाहते हैं कि ताकि वह राष्ट्रीय एकता की सरकार बना सकें। मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने तक यह अंतरिम व्यवस्था मौजूद रहेगी।
‘जनता के लिए मैं कोई भी बलिदान देने को तैयार’- प्रधानमंत्री राजपक्षे
देश के एक प्रमुख समाचार नेटवर्क ‘लंका फर्स्ट’ ने राजपक्षे को अपने समर्थकों से यह कहते हुए उद्धृत किया है, ‘जनता के लिए मैं कोई भी बलिदान देने को तैयार हूं।’ इससे संकेत मिलने लगे थे कि वह इस्तीफा देंगे। राजपक्षे ने यह बात प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘टेम्पल ट्री’ में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही थी। उनके आवास पर एकत्र हुए एसएलपीपी के सदस्यों ने इनसे इस्तीफा न देने को कहा था।
अंतरिम सरकार के गठन की उम्मीद
प्रभावशाली बौद्ध गुरुओं ने भी अंतरिम सरकार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया है। जयशेखर ने कहा कि असंतुष्ट समूह का 11 पार्टियों का गठबंधन संकट को खत्म करने के तरीकों पर सोमवार को आगे की बातचीत करेगा। महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने पर उन्हें अंतरिम सरकार के गठन की उम्मीद है।
पीएम के खिलाफ फूटा आक्रोश
बीते दिनों भारी दबाव के बावजूद 72 वर्षीय गोतबाया और प्रधानमंत्री महिंदा ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया था। राजपक्षे कुनबे के ताकतवर महिंदा राजपक्षे को रविवार को अनुराधापुर में जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा। ईंधन, रसोई गैस और बिजली कटौती समाप्त करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरी जनता ने उनके खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि पूरा राजपक्षे परिवार राजनीति छोड़ दे। देश से लूटी गई संपत्ति लौटा दे।
प्रदर्शनकारियों पर पीएम समर्थकों का हमला, 16 घायल
सोमवार को पीएम राजपक्षे के समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला बोल दिया। हमले में 16 लोगों के घायल होने की खबर है। हमला पीएम के सरकारी निवास के बाहर किया गया। इस पर राजपक्षे ने अपील की कि लोग संयम बरतें। आर्थिक संकट का आर्थिक समाधान निकालने की जरूरत है, उनके सरकार इसका हल निकालने के लिए वचनबद्ध है।