नई दिल्ली। पंजाब की सत्ता से बाहर चल रहे अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) इन दिनो पंजाब में घूम घूम कर अपनी पार्टी के लिए जनसमर्थन जुटा रहे है। साल के शुरुआत में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने है। पंजाब की राजनीति के दिग्गज चेहरे रहे पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस पार्टी पहले ही कुर्सी से हटा चुकी है। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह बगावती रुख अपनाए हुए है।
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कैप्टन अमरिंदर के नक्शेकदम सुखबीर बादल
बता दें कि आज के समय में कांग्रेस पार्टी के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं है जो अपने दम पर पंजाब में कांग्रेस पार्टी सत्ता में वापस ला सके। ऐसे में मौके का फायदा उठा कर सुखबीर सिंह बादल खेल करने के चक्कर में है। 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता संभाल चुके अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर से पंजाब में अपनी सत्ता लाना चाहते है।
सुखबीर सिंह बादल पंजाब चुनाव 2022 जीतने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह की राह पर चल पड़े है। वह 2017 चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा चलाए गए कैम्पेन की तर्ज पर एक कैम्पेन चल रहे हैं। नाम है कॉफी विद सुखबीर, जैसे कॉफी विद कैप्टन था सुखबीर इस कैम्पेन के जरिए युवाओं और विद्यार्थियों से मिलकर बातचीत करेंगे। जैसे 2017 का चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी भी सूरत में जीतना चाहते थे और अब सुखबीर बादल भी किसी भी सूरत में 2022 का चुनाव जीतना चाहते हैं इसलिए वह 6 महीने पहले ही चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
सुखबीर अब तक व्यापारियों, दुकानदारों से मिले और अब युवाओं व स्टूडेंट से मिल रहे हैं उनकी ओर से कई तरह के ऐलान सभाओं में किए गए है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब दा कैप्टन और कॉफी विद कैप्टन के जरिए प्रोग्राम चलाए थे और तब उनके रणनीतिकार प्रशांत किशोर थे कैप्टन भी इसी तरह चुनाव से छह माह पहले ही लोगों से मिलने लगे थे। सुखबीर सिंह बादल के इस तरह से कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुराने चुनाव प्रचार के तरीकों को कॉपी करने के बाद सवाल तो उठने लाजिमी हैं।
शिरोमणि अकाली दल बादल के सीनियर नेता कहते हैं कि इसमें कॉपी करने वाला कुछ नहीं है। शिअद का अपना एक एजेंडा है और अपना काम करने का तरीका है। 2017 के विधानसभा चुनावो में अकाली दल को पंजाब की सत्ता से बाहर होना पड़ा था। अकाली दल पंजाब विधानसभा मे तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई थी। नई नवेली पार्टी आम आदमी पार्टी ने भी अकालियो को पंजाब में पछाड़ दिया था। अब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावो में सुखबीर सिह बादल पर पार्टी को एक बार फिर से खड़ा कर सत्ता में लाने की जिम्मेदारी होगी।
सुखबीर सिह बादल के लिए पंजाब में सबसे बड़ा खतरा आम आदमी पार्टी के रुप में है। जो तेजी से अपने पैर पंजाब की राजनीति में पसार रही है। वही कांग्रेस पार्टी अमरिंदर सिह के अलग होने के बाद कमजोर लग रही है। ऐसे में इस बार सुखबीर सिह बादल का सीधा मुकाबला आम आदमी पार्टी से हो सकता है।