नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण (Corona Infection)की दूसरी लहर की वजह से अब तक देशभर में लाखों लोगों की जान जा चुकी है, आम से लेकर खास तक सभी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। महामारी पर काबू पाने के लिए एक तरफ जहां वैज्ञानिकों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर कई लोग इससे बचने के लिए पूजा-पाठ, हवन और यज्ञ भी कर रहे हैं। वहीं अब लोगों का विश्वास है कि पूजा-पाठ करने से ही कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है।
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Tamil Nadu में ‘कोरोना देवी’ का मंदिर
तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले से ताजा मामला सामने आया है। जहां लोगों ने इस महामारी से बचने के लिए शहर के बाहरी इलाके में ‘कोरोना देवी’ का मंदिर स्थापित कर दिया है। यह मंदिर ‘प्लेग मरियम्मन मंदिर’ की तरह है जिसकी स्थापना करीब 150 साल पहले प्लेग की महामारी से बचाव के लिए की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि काले पत्थर से बनी करीब डेढ़ फुट की यह प्रतिमा मठ परिसर के भीतर ही मंदिर में स्थापित की गई है और रोजाना इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए प्रार्थना की जा रही है जो 48 दिनों तक चलेगी। खबरों कि माने तो कोरोना देवी के मंदिर में महामारी के चलते केवल पुजारी और मठ के अधिकारियों को ही जाने की अनुमति है और सामाजिक दूरी का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा है।
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पहले भी आए है ऐसे मामले
आपको बता दें कि किसी महामारी के दौर में उक्त बीमारी के नाम पर मंदिर स्थापित करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जब जिले में एक सदी पहले प्लेग का प्रकोप था और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही थी तब भी मरियम्मन की प्रतिमा स्थापित की गई थी और लोगों ने उनकी पूजा शुरू की थी। वहीं पिछले साल जून में केरल के कोल्लम स्थित कडक्कल में इसी प्रकार से मूर्ति की स्थापना कर पूजा-पाठ की गई थी। और वहां के लोगों का विश्वास है कि पूजा-पाठ करने कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है