नई दिल्ली। जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता और रामपुर से विधायक आजम खां (Azam Khan Case) को एक केस में जमानत मिलने के बाद दूसरा केस दर्ज होने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है, एक केस में आजम खां को जमानत मिलती है तो दूसरा केस दायर हो जाता है।
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न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि आजम को जमानत क्यों नहीं दी जा रही है। वह दो साल से जेल में हैं। एक या दो मामले ठीक हैं लेकिन 89 मामलों में ऐसा नहीं हो सकता, यह इत्तेफाक नहीं है। जब भी जमानत मिलती है तो किसी और मामले में फिर से आजम को जेल भेज दिया जाता है।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की जमानत अर्जी पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अब मंगलवार को सुनवाई होगी। तब तक राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को जमीन हड़पने के एक मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी को लेकर दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत दर्ज मामला
उल्लेखनीय है कि आजम खान और अन्य लोगों पर कथित तौर पर शत्रु संपत्ति हड़पने और सैकड़ों करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए रामपुर के आजम नगर पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 201, 409, 447, 420, 467, 468, 471 के साथ ही लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत दर्ज कराई गई थी।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि देश के बंटवारे के दौरान इमामुद्दीन कुरैशी नाम का व्यक्ति पाकिस्तान चला गया और उसकी संपत्ति शत्रु संपत्ति के तौर पर दर्ज की गई, लेकिन आजम खान ने अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर 13.842 हेक्टेयर जमीन हड़प ली। आजम फिलहाल कई मामलों के संबंध में सितापुर जेल में बंद हैं।