2016 में हुई नोटबंदी की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर Supreme Court की सुनवाई पूरी
Naitional Desk | BTV Bharat
छह साल पहले नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने सुनवाई पूरी हो गई है. जस्टिस एसए नजीर की अगुआई में संविधान पीठ ने सभी पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखने का ऐलान किया है. पीठ ने भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार से इस मामले से संबद्ध सभी जरूरी दस्तावेज और रिकॉर्ड मुहैया कराने के आदेश दिए है. सभी पक्षकार तीन दिनों में यानी दस दिसंबर तक चाहें तो लिखित दलीलें कोर्ट को दे सकते हैं.
कुल 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं
इस बाबत कोर्ट में विवेक नारायण शर्मा की पहली याचिका सहित कुल 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर, जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा हमें संतुष्ट होने दें. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हालांकि सरकार के हलफनामे में अधिकतर जानकारी लिखी हुई है. लेकिन फिर भी वो सभी रिकॉर्ड सील कवर यानी बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप देंगे. क्योंकि 2016 में लागू नोटबंदी 1946 और 1978 में हुई नोटबंदी योजना से काफी अलग थी.
इस दो चरणों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया गया
इस दो चरणों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया गया. पहले चरण में भारतीय रिजर्व बैंक की सिफारिश का था, फिर अगले चरण में अधिसूचना और अध्यादेश लाया गया.