Supreme Court ने OROP के तहत बकाया रकम का 15 मार्च तक भुगतान करने का दिया आदेश
Breaking Desk | BTV Bharat
वन रैंक वन पेंशन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 15 मार्च तक का समय दिया है. सरकार ने कोर्ट में बताया कि रक्षा लेखा नियंत्रक इलाहाबाद ने लगभग 25 लाख रक्षा पेंशनरों की लिस्ट बनाने का काम पूरा कर लिया है. इसका रिवीजन करने के लिए मंत्रालय के पास भेजी गई है.
25 लाख रक्षा पेंशनरों के लिए सारणीकरण पूरा कर लिया गया है
OROP का भुगतान सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को किया जाता है जो समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर रिटायर होते हैं, भले ही उनके रिटायरमेंट की तारीख कुछ भी हो. सीजेआई ने आदेश में दर्ज किया कि AG का कहना है कि रक्षा लेखा नियंत्रक इलाहाबाद ने लगभग 25 लाख रक्षा पेंशनरों के लिए सारणीकरण पूरा कर लिया गया है.
अब यह रक्षा मंत्रालय के पास पेंडिंग है
अब यह रक्षा मंत्रालय के पास पेंडिंग है और अब समय 15 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि 15 मार्च, 2023 तक प्रक्रिया पूरी करें और यदि कोई मुद्दा हो तो हमारे पास वापस आएं. एजी आर वेंकटरमणि ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी रख रहा हूं और इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. 25 लाख पेंशनभोगी हैं.
तालिका अंतिम पुनरीक्षण के लिए मंत्रालय के पास आ गई है
तालिका अंतिम पुनरीक्षण के लिए मंत्रालय के पास आ गई है और यह रक्षा मंत्रालय के फाइनेंस सेक्शन के पास है. CJI ने आदेश में दर्ज किया कि AG का कहना है कि रक्षा लेखा नियंत्रक इलाहाबाद द्वारा लगभग 25 लाख रक्षा पेंशनरों की लिस्ट बना ली है. पेमेंट नहीं मिलने के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 मार्च तक भुगतान किया जाए.