नई दिल्ली। इस साल का अंतिम 2020 सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगने जा रहा है। भारत में ग्रहण के दृश्य न होने की वजह से यहां इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि ग्रहण काल में सूर्य से निकलने वाली किरणें हानिकारक होती हैं। यही वजह है कि ग्रहण काल से पहले खाने-पीने की चीजों में लोग तुलसी के पत्ते डालते हैं ताकि खाना और पानी अशुद्ध न हो तो चलिये आपको बताते हैं इस अंतिम सूर्य ग्रहण से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां।
सूर्य ग्रहण का समय और दृश्यता
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2020 से शुरू होकर 15 दिसंबर 2020 तक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण राशिचक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में होगा इसलिए इस राशि के लोगों को संभलकर रहना होगा.
दिनांक- 14-15 दिसंबर
सूर्य ग्रहण प्रारंभ- 19:03:55 बजे से
सूर्य ग्रहण समाप्त- 00:23:03 बजे तक
ग्रहण के दौरान क्या करना है और क्या नहीं
इससे जुड़े बहुत से भ्रम मौजूद हैं. कुछ लोग इस दौरान उपवास में विश्वास करते हैं, जबकि कुछ लोग ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के घरेलू काम से बचने की सलाह देते हैं। आपको बताते हैं कि ग्रहण के दौरान सेहत से जुड़ी कौन-कौन सी सावधानियां आपको बरतनी चाहिए। लेकिन आयुर्वेद की दृष्टि से, ग्रहण से दो घंटे पहले हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन खाने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान कुछ भी न खाएं और न ही पीएं।
जो भोजन आप ग्रहण से पहले करें उसमें आप हल्दी भी डाल सकते हैं। यह भी सलाह दी जाती है कि ग्रहण से दो घंटे पहले खूब पानी पीना चाहिए। तुलसी की चाय भी पी सकते हैं। आयुर्वेद भी ग्रहण के दौरान दुर्वा घास के उपयोग की सलाह देता है। यह काफी हद तक प्राचीन वर्षों से चली आ रही प्रथाओं पर आधारित है। वैज्ञानिक रूप से, इन सावधानियों का कोई पता नहीं चला है।