नई दिल्ली। आईपीएल को टाटा समूह (Tata Group) के रूप में नया टाइटल स्पॉन्सर मिल गया है। आईपीएल 2022 (IPL 2022) से इसका नाम जुड़ जाएगा और आईपीएल 2023 तक यह सिलसिला जारी रहेगा। अब इसे टाटा आईपीएल (Tata IPL) कहा जाएगा। भारत के सबसे बड़े कारोबारी घराने टाटा ने चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी Vivo की जगह ली है।
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बीसीसीआई को 130 करोड़ रुपये का फायदा
बता दें कि, 11 जनवरी को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में यह फैसला हुआ। टाटा चौथी कंपनी है जो IPL की टाइटस स्पॉन्सर बनी है। टाटा से पहले डीएलएफ, पेप्सी, वीवो और ड्रीम 11 का नाम टाइटल स्पॉन्सर के रूप में जुड़ा है। BCCI को टाटा के आने से करीब 130 करोड़ रुपये का फायदा हुआ।
IPL के प्रायोजन अधिकार 2200 करोड़ रुपये में खरीदे
वीवो (Vivo) ने 2018 से 2022 तक आईपीएल के प्रायोजन अधिकार 2200 करोड़ रुपये में खरीदे थे। लेकिन गलवान घाटी में 2020 में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बाद वीवो पर दबाव बढ़ गया था। ऐसे में आईपीएल 2020 में वीवो ने एक साल का ब्रेक लिया था। उसकी जगह ड्रीम 11 प्रायोजक था।
Vivo 2021 फिर प्रायोजक बना। लेकिन बीसीसीआई के उसके रिश्तों में खटास आ गई थी। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि वे उचित बोली लगाने वाले को टाइटल स्पॉन्सरशिप देने को तैयार हैं। BCCI ने भी इस बात को मंजूरी दे दी थी।
चीन के उत्पादों को लेकर नकारात्मक भावना
BCCI के एक सूत्र कहा, ‘आज नहीं तो कल ऐसा होना ही था क्योंकि इससे लीग और कंपनी दोनों का बुरा प्रचार हो रहा था। चीन के उत्पादों को लेकर नकारात्मक भावना को देखते हुए कंपनी को करार पूरा होने से एक सत्र पहले प्रायोजन से हटना पड़ा।’
इस तरह बढ़ी बीसीसीआई की कमाई
IPL 2022 से 10 टीमें इस टूर्नामेंट में खेलने वाली हैं। ऐसे में Vivo से बीसीसीआई को 996 करोड़ रुपये मिलने थे। वीवो ने दो सीजन के लिए 484 और 512 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले एक सीजन की रकम 440 करोड़ रुपये थी। वहीं टाटा ने राइट्स की फीस के रूप में 335 करोड़ रुपये प्रति सीजन देने का प्रस्ताव दिया है। वहीं वीवो 450 करोड़ रुपये कॉन्ट्रेक्ट से निकलने की फीस के रूप में बोर्ड को देगा। इससे बीसीसीआई की कमाई 1120 करोड़ रुपये होगी।
स्पॉन्सरशिप के लिए पांच साल तक का करार
टाटा ग्रुप टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए पांच साल तक का करार करने को तैयार है। हालांकि बीसीसीआई को इसके लिए नए सिरे से टेंडर मंगाने होंगे। इसके तहत 2024 से 2028 तक के राइट्स दिए जाएंगे। टाटा इस दौरान राइट टू मैच के जरिए अधिकार हासिल कर सकता है। हालांकि इसके लिए उसे सबसे ऊंची बोली के बराबर पैसा देना होगा।