नई दिल्ली। हैक करना तो जैसे आम बात हो गई है, कभी भी किसी का फोन और किसी का भी सिस्टम कब हैक हो जाए किसी को पता नहीं है। जितना तेजी से सोशल और डीजिटल दुनिया का प्रसार हो रहा है उतनी ही तेजी से सोशल क्राइम भी बढ़ रहे है। इसके पीछ सबसे बड़ा करण है सबके पास स्मार्टफोन या सिस्टम का होना और उस फिर उसका गलत इस्तेमाल करना।
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ऐसा कहे तो गलत नहीं होगा है कि आपका फोन ही आपकी असुरक्षा का सबसे बड़ा कारण है, आपका सबसे बड़ा जासूस है आपका फोन। आप बस इतना समझ लीजिए कि यदि आपके फोन में कोई एप है तो उसका डेवलपर आप पर पूरी नजर रख सकता है। जहां तक की आपका व्हाट्सएप भी हैक हो जाता है, कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस का व्हाट्सएप हैक हो गया है।
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हैक करने के लिए सॉफ्टवेयर
हैक करने के लिए जिस सॉफ्टवेयर का नाम सबसे आगे आता है वो है पिगासस। ऐसा कहा जाता है कि इससे उन फोन और डिवाइस को भी हैक किया जा सकता है जिसे लेकर कंपनियां दावा करती हैं कि यह हैकप्रूफ है। ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कि डिवाइस में जाकर उसकी सारी जानकारी हैकर्स को दे सकता है, औऱ आपके फोन में स्पाईवेयर है या नहीं इसका पता लगाना बहुत ही मुश्किल काम है।
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स्मार्टफोन में इसकी कैसे होती है इसकी एंट्री
बैसे तो ज्यादातर ऐसा ही होता है किसी भी लिंक के जारिए ही ऐसे सॉफ्टवेयर को अपने फोन और डिवाइस में इंस्टॉल किया जा सकता है। और कई बार ये एप किसी थर्ड पार्टी एप के जरिए भी आते है। इसके अलावा आपको बता दे कि कई बार ऐसा भी होता है कि हम किसी एप को इस्टॉल कर रहे है और इस्टॉल करते वक्त हम एग्री बटन पर क्लिक करने के साथ साथ फोन के दूसरे एप का भी एक्सेस देते है तो हैकिंग से जुड़े एप आ जाते है। इसके अलावा स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर गेमिंग और पॉर्न साइट के जरिए आपके फोन तक पहुंचते हैं।
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कैसे करे इस हैकंगि एप की पहचान
पहचान तो बहुत ही मुश्किल है इसको परंतु यदि आपका फोन बार-बार क्रैश हो रहा है या कोई एप बार-बार हैंग या क्रैश हो रहा है तो सावधान हो जाएं। इसके अलावा यदि आपके फोन में कोई ऐसा फोल्डर दिख रहा है जिसके बारे में आपको जानकारी नहीं हो तो भी आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। आपके फोन में कोई संदिग्ध एप है जिसे आप इंस्टॉल नहीं किया है तो सबसे पहले फोन का इंटरनेट कनेक्शन बंद करें और इसके बाद उस एप का डाटा क्लियर करने के बाद उस एप को डिलीट करें।