नई दिल्ली। थैलेसीमिया (Thalassaemia) एक वंशानुगत रोग यानी हेरेडिटरी रोग है, जो आमतौर पर बच्चे में जन्म से ही होता है। थैलेसीमिया, जो जीन के माध्यम से माता-पिता से बच्चे में आता है।
थैलेसीमिया दो प्रकार का होता है।
- माइनर थैलेसीमिया
- मेजर थैलेसीमिया
माइनर थैलेसीमिया वाले बच्चों में खून कभी भी सामान्य के स्तर तक नहीं पहुंच पाता यह हमेशा कम रहता है, लेकिन ये स्वस्थ जीवन जी लेते हैं। वहीं, मुश्किल बड़ी मेजर थैलेसीमिया वाले बच्चों के लिए होती है। उन्हें लगभग हर 21 दिन या हर महीने खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
ऐसी कई जांच भी मौजूद हैं, जिनसे यह पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में पल रहे बच्चे में इसके होने की कितनी संभावना है। माता या पिता किसी एक को भी थैलेसीमिया (Thalassaemia) है, तो गर्भ से ही बच्चा इस रोग से ग्रस्त हो सकता है।
वहीं अगर माता-पिता दोनों ही माइनर थैलेसीमिया से पीडि़त हैं, तो भी बच्चे में मेजर थैलेसीमिया होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। दुखद है कि जिन बच्चों में थैलेसीमिया रोग होता है वे बहुत उम्र नहीं देख पाते। आमतौर पर जो लंबी उम्र तक जीवित होते हैं वे भी उतने सेहतमंद या दुरुस्त नहीं होते। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि थैलेसीमिया से पीडित लोग अपनी डाइट का ध्यान रखें।
World Thalassaemia Day
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अगर आप थैलेसीमिक हैं तो आपको अपनी डाइट में क्या शामिल करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह शरीर में एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी डाइट काफी मायने रखती है।
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एक्सपर्ट के अनुसार, सामान्य तौर पर बहुत लोग एनीमिक होते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि वह थैलेसीमिक भी हों। थैलेसीमिया वह कंडिशन होती है जिसमें हमारी बॉडी जिसमें हमारी बॉडी में जो हीमोग्लोबिन है उसमें जो प्रोटीन है ग्लोबिन उसमें ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है।
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थैलेसीमिक वाले लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
1. प्रीति सेठ का कहना है कि, थैलेसीमिया वाले लोग जब भी खाना खाएं उसके बाद आपको चाय और कॉफी नहीं लेनी है, क्योंकि कैफीन और टेनिन आपके शरीर में आयरन को अवशोषित होने से रोकता है।
2.थैलेसीमिया वाले लोगों को कैल्शियम से भरपूर फूड्स का सेवन भी बढ़ाना चाहिए, ताकि आपकी हड्डियां मजबूत हों।
3. वेजिटेरियन हैं तो, आपको खाने में चुकंदर, इमली और किशमिश का सेवन बढ़ा सकते हैं। आप रात को मुनक्का भिगोकर सुबह इसका सेवन भी कर सकते हैं। ये सभी आयरन से भरपूर होते हैं, ये आपके शरीर में आयरन और ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाते हैं।
4. आपको रोजाना गुड़ का सेवन करें, क्यों वह आयरन से भरपूर होता है।
5.विटामिन E से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए, इनमें नट्स और ऑलिव ऑयल आपके लिए अच्छे हो सकते हैं।
हर्षवर्धन ने ब्लड बैंक मुख्यालय में थैलेसीमिया स्क्रीनिंग और परामर्श केंद्र के उद्घाटन पर इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल हमें इस बीमारी की रोकथाम के लिए आम लोगों को शिक्षित करने में सक्षम बनाएगी।