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Friday, October 4, 2024

भारत में कमजोर होता युवाओं का दिल, युवाओं में तेजी से बढ़ रहा Heart Attack का खतरा

भारत में कमजोर होता युवाओं का दिल, युवाओं में तेजी से बढ़ रहा Heart Attack का खतरा

Health Desk | BTV Bharat

पिछले कुछ समय में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले कुछ बढ़ते दिख रहे हैं। हाल ही में कई युवा कलाकार भी हार्ट अटैक की वजह से जान गंवा चुके हैं। जिसमें सोनाली फोगाट, इससे पहले टीवी एक्टर दीपेश भान, मशहूर सिंगर केके की भी दिल के दौरे की वजह से मौत हुई थी। इससे पहले भी कई सितारों की हार्ट अटैक की वजह से जान गई, लेकिन बिग बॉस फेम सिद्धार्थ शुक्ला की मौत ने सभी को चौंका दिया था। जिसके बाद सभी के सामने ये सवाल था कि आखिर इतनी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के पीछे क्या वजह हैं?

कार्डियोवास्‍क्‍युलर रोग भारत में मौतों का प्रमुख कारण बना हुआ है

सर्कुलेश्‍न जर्नल में 2016 में प्रकाशित एक अध्‍ययन के अनुसार, कार्डियोवास्‍क्‍युलर रोग भारत में मौतों का प्रमुख कारण बना हुआ है। सभी तरह के सीवी रोगों के चलते होने वाली मौतों में इस्‍चेमिक हार्ट रोग तथा स्‍ट्रोक का आंकड़ा 80% है। इन रोगों की अधिकता पंजाब, तमिलनाडु और केरल में देखी गई है। भारत में कम उम्र में ही सीवीडी बढ़ने लगे हैं और इनकी वजह से मौतों की आशंकाएं भी बढ़ रही हैं। और तो और, ग्रामीण/गरीब राज्‍यों में भी रोग का बोझ काफी हद तक बढ़ा है। अमरीका के एक रिसर्च जरनल में छपे लेख के मुताबिक़ 2015 तक भारत में 6.2 करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी हुई। इसमें से तकरीबन 2.3 करोड़ लोगों की उम्र 40 साल से कम है। यानी 40 फ़ीसदी हार्ट के मरीज़ों की उम्र 40 साल से कम है। भारत के लिए ये आंकड़े अपने आप में चौंकाने वाले हैं।

इसके पीछे के कारणों पर गौर करे तो सामने आने वाले बड़े कारण है:

  1. – तंबाकू का अधिक सेवन
  2. – आहार में फलों और सब्जियों का कम प्रयोग
  3. – आवश्‍यकता से कम कार्डियाक मेडिकल केयर जैसे कारणों के चलते सीवीडी में वृद्धि हो रही है।
  4. – इसी तरह, व्‍यायाम रहित जीवनशैली,
  5. – मधुमेह
  6. – उच्‍च रक्‍तचाप
  7. – अधिक कलेस्‍ट्रॉल
  8. – धूम्रपान,
  9. – अनियमित नींद,
  10. – अधिक तनावपूर्ण वातावरण

भारत की युवा आबादी में ये सभी जोखिम कारक अधिकता में हैं। अधिक कार्बोहाइड्रेट और अधिक वसायुक्‍त भोजन से बचना और बचे हुए तेल को दोबारा इस्‍तेमाल में लाना या दोबारा गरम करना उसमें मौजूद ट्रांस फैट्स की मात्रा बढ़ाता है, जिसकी वजह से स्‍वास्‍थ्‍य को नुकसान पहुंचता है और सीवीडी का जोखिम भी बढ़ता है।

तंबाकू सेवन से भी जोखिम बढ़ता है

उधर, आनुवांशिक कारणों के पर्यावरण संबंधी जोखिमों से मेल होने जैसे तंबाकू सेवन से भी जोखिम बढ़ता है। रिस्‍क एक्टिविटी ट्रायल में धूम्रपान की हार्ट अटैक के शिकार मरीज़ों में एक वर्ष के भीतर मौत होने जैसे कारण के तौर पर पहचान की गई है। युवाओं में अधिक गंभीर हार्ट अटैक देखा जा रहा है, जो पुरुषों, धूम्रपान करने वालों, पारिवारिक इतिहास वाले लोगों/सीएडी, कम शैक्षिक योग्‍यता तथा अकेले रहने वालों में अधिक है।

ये भी पढ़े: Lucknow में बड़ा हादसा, ट्रैक्टर-ट्राली तालाब में पलटी,तीन लोगों की मौत, कई लोग अभी भी हैं लापता

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