नई दिल्ली। शेयर बाजार के लिए गुरूवार का दिन बेहद शानदार रहा। शेयर बाजार एक नई ऊंचाई पर बंद हुआ। बीएसई का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स (BSE Sensex) पहली बार 59,000 के आंकड़े को पार कर गया। वहीं, निफ्टी इंडेक्स (NSE Nifty) 64.90 अंक यानी 0.40 फीसदी की मजबूती के साथ 17,589.20 के लेवल पर कारोबार कर रहा है। भारतीय शेयर बाजार में जितने ऊंचे स्टॉक चढ़ते हैं, अर्थव्यवस्था को उतना ही अधिक जोखिम होता है।
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अनुसार, उपभोक्ता मांग में तेजी, रिकॉर्ड-कम ब्याज दरों और विनिर्माण क्षेत्र के लिए संभावनाओं में सुधार संभवत: भारतीय शेयरों में तेजी को बढ़ावा देगा, भले ही लाभ की तेज गति से अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम बढ़ जाता है। एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स मार्च 2020 में केंद्रीय बैंक के तरलता इंजेक्शन, लाखों नए खुदरा निवेशकों और नियामक क्रैकडाउन द्वारा समर्थित निम्न स्तर से 130% चढ़कर रिकॉर्ड तक पहुंच गया।
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बाजार में बढ़त के कारण
- सरकार की इंडस्ट्रीज को सपोर्ट करने की कोशिशें जारी हैं
- IPO का बाजार भी अच्छा चल रहा है
- बाजार में विदेशी निवेश बढ़ा है
- दूसरी तिमाही के अच्छे नतीजे आने की उम्मीद
- जुलाई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बढ़ा है
- अगस्त में खुदरा महंगाई दर कम हुई है
- वैक्सीनेशन तेज होने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है
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इन कारकों से घरेलू बाजार में आ रही तेजी
भारत कोरोना वायरस महामारी की दो लहरों का सामना कर चुका है ऐसें में देश की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ पटरी पर लौट रही है। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 20.1 फीसदी रही। यह चीन से भी बेहतर आंकड़े हैं क्योंकि पहली तिमाही में चीन की विकास दर 7.9 फीसदी दर्ज की गई। यानी यह माना जा सकता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चीन के मुकाबले तेजी से सुधरी है। इससे निवेशकों में उत्साह बढ़ा है। साथ ही विदेशी निवेश (FDI) लगातार बढ़ रहा है, जिससे घरेलू बाजार में तेजी आई।