नई दिल्ली। बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल (Prem Ranjan Patel) ने आज किसान आंदोलन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपटने में जुटा है, ऐसे में आंदोलन के माध्यम से अपने चेहरे चमकाने वाले किसान कतई नहीं हो सकते। क्योंकि किसानों की पहचान देश-दुनिया में अन्नदाता के रूप में है, जो अपने मुनाफे की परवाह किए बगैर कठिन परिश्रम कर लोगों का पेट भरते हैं।
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पटेल ने बीजेपी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि किसानों का त्याग और समर्पण आम लोगों से श्रेष्ठ बनाता है। लेकिन कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कभी इस कोरोना संकट में आम लोगों की जान की परवाह नहीं की। प्रदर्शन के नाम पर भीड़ जुटाते रहे, न तो सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह की और न ही लोगों को मास्क पहनने के लिए कहा गया। अब जब सरकार का पूरा ध्यान देश को कोरोनामुक्त करने पर दे रही है, तो अपने प्रदर्शन से सरकार के कार्यों में बाधा डालने का प्रयास किया जा रहा है।
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बीजेपी प्रकक्ता और सूर्यगढ़ा के पूर्व विधायक पटेल ने कहा कि जब सरकार बातचीत करने के लिए कथित किसान संगठनों को बार-बार बुला रही थी, तो वे अपनी जिद पर अड़े रह कर पैतरेबाजी करते रहे। और अब बातचीत के लिए विपक्षी दलों से पैरवी करवा रहे हैं। लेकिन उनको अब पता होना चाहिए कि सरकार की पहली प्राथमिकता देश को कोरोना से मुक्ति दिलाना है।