spot_img
27.1 C
New Delhi
Monday, September 9, 2024

भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश, विश्व की नंबर 1 प्रदूषित राजधानी दिल्ली

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं हो रहा है। राजधनी क्षेत्र में तमाम प्रयासों के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि साल 2020 में भी दिल्ली लगातार तीसरे साल दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही। फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले PM2.5 कणों की उपलब्धता के आधार पर वायु की गुणवत्ता मापने वाली स्विस IQAir की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।

IQAir की 2020 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 106 देशों के डाटा का अध्ययन करने के बाद चुने गए 50 प्रदूषित शहरों में से 35 भारत के हैं। अध्ययन में सामने आया कि सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में पार्टिकुलेट पदार्थ PM2.5 की पूरे साल सबसे अधिक मौजूदगी रही थी। यह पार्टिकुलेट पदार्थ 2.5 माइक्रोन से कम व्यास वाले हवाई कण होते हैं और लगातार इनके संपर्क में रहने से कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं।

यह भी पढ़े: Delhi: दिल्ली-एनसीआर में आप 10 लाख के अंदर खरीद सकते है घर

रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में दिल्ली में प्रति घन मीटर हवा में PM2.5 की औसत वार्षिक सांद्रता 84.1 थी। यह चीन की राजधानी बीजिंग से दोगुनी थी।बीजिंग में PM2.5 की औसत वार्षिक सांद्रता 37.5 थी और वह दुनिया का 14वां सबसे प्रदूषित शहर रहा था। ऐसे में साफ है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और यह लोगों की बीमारी तथा समय से पहले मौत का अहम कारण बन रहा है। ग्रीनपीस साउथईस्ट एशिया एनालिसिस और IQAir के अध्ययन के अनुसार 2020 में नई दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण अनुमानित 54,000 लोगों की मौत समय से पहले हुई थी। अध्ययन के अनुसार पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण PM2.5 के वार्षिक औसत में 11 प्रतिशत की कमी आई थी। इसके बाद भी भारत बांग्लादेश और पाकिस्तान के बाद दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश बन गया।

वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है PM2.5 कण
PM2.5 कण बेहद महीन होते हैं और इन्हें आंखों से देखना संभव नहीं है। 2.5 माइक्रोमीटर के आकार के ये मैटर पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण और इससे होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण हैं। 2015 में इससे 42 लाख प्री-मैच्‍योर मौत हुई थी।

IQAir अध्ययन के अनुसार साल 2020 में दक्षिण एशिया में वायु की गुणवत्ता दुनिया में सबसे ज्यादा खराब थी। लॉकडाउन के कारण स्वच्छ हवा में सांस लेने वाले दिल्ली के दो करोड़ लोग सर्दियों में जहरीली हवा से जूझ रहे थे। पड़ोसी राज्य पंजाब में खेतों में पराली जलाए जाने से वायु की गुणवत्ता तेजी से खराब हुई थी। नवंबर में दिल्ली में PM2.5 का स्तर 144 माइक्रोग्राम था जो दिसंबर में 157 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया

यह भी पढ़े: दिल्ली में सरकार का मतलब LG होगा, गृह मंत्रालय के बिल से भड़के केजरीवाल

रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन से वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ था, लेकिन इसके बाद भी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तेजी से प्रयास करने जरूरी हैं। सके लिए अक्षय ऊर्जा की तरफ जाना होगा और जीवाश्‍म ईंधन का उपयोग कम या खत्‍म करना होगा। यातायात के ऐसे साधन प्रयोग में लाने होंगे जो प्रदूषण को फैलाने से रोकने में सहायक हों।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

INDIA COVID-19 Statistics

45,035,393
Confirmed Cases
Updated on September 9, 2024 8:20 AM
533,570
Total deaths
Updated on September 9, 2024 8:20 AM
44,501,823
Total active cases
Updated on September 9, 2024 8:20 AM
0
Total recovered
Updated on September 9, 2024 8:20 AM
- Advertisement -spot_img

Latest Articles