नई दिल्ली: पिछले दो महीनों से उत्तर प्रदेश में बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए पशोपेश की स्थिति बनी हुई थी। लगातार अस्थिरता और असहमतियों का माहौल भी बना हुआ था। ऐसा लग रहा था कि बीजेपी में जिस चेहरे को तीसरा सबसे अहम माना जा रहा था उस चेहरे को कुछ लोग पसंद नहीं कर रहे है। इस अस्थिरता में असहमतियों ने अवसर तलाशा और अपना विरोध लिखकर या बयान देकर भी दर्ज किया। केंद्रीय नेतृत्व से भी लगातार मुलाकातें होती रहीं और राज्य के बड़े, छोटे नेता अपना बयान देकर अपनी कहानी दर्ज करवाते गए।
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उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य का बयान
इस विरोध की बयानबाजी में खुद उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी बयान देकर अपना विरोध दर्ज करवाया। उपमुख्यमंत्री ने बयान दिया कि 2022 में पार्टी का राज्य में नेतृत्व कौन करेगा, इसका फैसला हाईकमान को ही करना है। इसी बयान को पिछले चुनाव से पहले भाजपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी दोहराया।
अडिग रहे सीएम योगी
इन विरोधी बयानों के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अडिग रहे। उन्होंने न तो राज्य में कैबिनेट विस्तार की बात स्वीकारी और न ही विरोधियों के प्रति कोई लचीलापन दिखाया। दरअसल, सीएम योगी जानते है कि चुनाव के छोर पर कड़ी बीजेपी इस समय अस्थिरता में है। उनके पास बिना सीएम चेहरे के आगे बढ़ना मुश्किल है। यही एक बात से योगी को इतनी मजबूती मिली है।
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बीजेपी को मिली राहत
बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने 4 साल के पुरे कार्यकाल में पहली बार उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य से मिलने उन के घर पहुंचे। साथ ही इस अवसर पर सीएम योगी ने उनके नवविवाहित पुत्र और पुत्रवधू को आशीर्वाद भी दिया। वहीं, केशव मौर्य ने पहली बार घर आए सीएम योगी का शॉल पहनाकर स्वागत किया। इस मीटिंग में सीएम योगी और केशव मौर्य के साथ साथ संघ के भी कई बड़े चेहरे मौजद थे।
इस मीटिंग से यह तो साफ हो गया है कि बीजेपी फिलहाल विरोध और असहमतियों के उठे इस विवाद को अब खत्म कर चूकी है और अब यह भी साफ नज़र आ रहा है कि आने वाले चुनाव में पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही होंगे। मीटिंग की इस तस्वीर के सामने आने के कुछ ही घंटो बाद भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने एक बयान जारी कर कह दिया है कि योगी ही यूपी में 2022 का चेहरा है।