नई दिल्ली/झारखंड ब्यूरो/उमेश सिन्हा। रामगढ़ जिला के अंतर्गत लगभग सभी अंचल क्षेत्रों में भूमि माफियाओं ने जिस तरह से सरकारी जमीन की लूट तांडव के साथ कुछ अधिकारियों कर्मियों एवं जिला के पूर्व के अपर समाहर्ता ओं के साथ मिलकर किया है, वह एक जांच का विषय पूर्व में भी बना है और अभी भी बनता जा रहा है। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कुछ माह पूर्व सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर जंगल पहाड़ के बगल की जमीन सरकारी जमीन को बचाने का सख्त हिदायत दिए थे।
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पूर्व के उपायुक्त संदीप सिंह ने मुख्य सचिव के आदेश का पालन करते हुए सरकारी जमीन बचाने का प्रयास किया और लगभग चालीस हजार एकड़एकड़ सरकारी जमीन को रद्द करने की अनुशंसा राज्य सरकार के राजस्व एवं निबंधन विभाग से की थी कुछ दिन तक जमीन लूटने का मामला हालांकि बंद नहीं कह सकते क्योंकि अंदर ही अंदर भूमि माफियाओं की सांठगांठ से सभी अंचल क्षेत्रों में सरकारी जमीनों को बेचा जा रहा था ।वर्तमान समय में रामगढ़ अंचल के अंतर्गत नईसराय मजार के बगल में खाता नंबर एक प्लाट नंबर 1423 जो अपने इकरारनामा के आधार पर राकेश सिंह ने लिखित रूप से आवेदन आरक्षी अधीक्षक रामगढ़ को देते हुए बातचीत में बताया है कि सत्येंद्र प्रसाद पिता स्वर्गीय ईश्वर प्रसाद, जाति कोइरी, निवासी ग्राम मगर थाना मांडू जिला रामगढ़ से 29-30 अप्रैल 2019 को इकरारनामा के माध्यम से खाता नंबर 1 प्लॉट नंबर 1423 डिसमिल जमीन को हासिल किया था।
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उस जमीन दूसरे द्वारा हथियाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अज्ञात लोगों के साथ मिलकर जेसीबी मशीन से चारदीवारी देने की मंशा से नीम खोदने लगे जिसके कारण आरक्षी अधीक्षक को आवेदन देना पड़ा ।इस संबंध में अंचल अधिकारी रामगढ़ से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में कर्मचारी से रिपोर्ट मांगी गई है रिपोर्ट के आधार पर इस मामले को अनुमंडल पदाधिकारी एवं उपायुक्त सहित अपर समाहर्ता को सौंप देंगे। प अंचल अधिकारी ने यह भी कहा कि एक नंबर खाता एवं 1423 नंबर प्लॉट जीएम लैंड है और इस पर जो दावा ठोक रहे हैं उसकी जांच के बाद ही पता चलेगा कि लोग अपनी जमीन कैसे बता रहे हैं।
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सच्चाई सामने आ गई तो लपेटे में पूर्व के अंचल अधिकारी कर्मी एवं जिला के अपार समाहर्ता भी घेरे में आ सकते हैं। सरकारी जमीन जीएम लैंड वन एवं पहाड़ के किनारे की ज्यादातर जमीनों को पूर्व के अधिकारियों एवं कर्मियों ने मिलकर भूमि माफियाओं के साथ मिलकर बेच दिया गया है। वर्तमान उपायुक्त रामगढ़ एक सख्त अधिकारी हैं और अपने रहते नाजायज कार्य को चलने नहीं देंगे ऐसी चर्चाएं रामगढ़ के जनता के बीच हो रही है।