नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra modi) आज बांग्लादेश के दो दिवासीय यात्रा पर पहुंचे। वहां पहुंचते ही वो बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने ढाका हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में मैंने भी गिरफ्तारी दी थी। साथ ही उन्होंने बांग्लादेश की आजादी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान को याद किया। मोदी ने कहा कि यह वक्त एक बार फिर भारत और बांग्लादेश के बीच साझेदारी के लिए साहसिक लक्ष्य तय करने का है। मैं बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को भारत आमंत्रित करना चाहता हूं। वे भारत आए हमारे स्टार्टअप से जुड़ें। हम भी उनसे सीखेंगे, उन्हें भी हमसे सीखने का अवसर मिलेगा।
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प्रधानमंत्री ने कहा राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और बांग्लादेश के नागरिकों का मैं आभार प्रकट करता हूं। आपने अपने इन गौरवशाली क्षणों में, इस उत्सव में भागीदार बनने के लिए भारत को सप्रेम निमंत्रण दिया। मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी को, बांग्लादेश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। मैं बॉन्गोबौन्धु शेख मुजिबूर रॉहमान जी को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने बांग्लादेश और यहाँ के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
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मोदी ने आगे कहा मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। उन्होंने कहा ये एक सुखद संयोग है कि बांग्लादेश के आजादी के 50 वर्ष और भारत की आजादी के 75 वर्ष का पड़ाव, एक साथ ही आया है। हम दोनों ही देशों के लिए, 21वीं सदी में अगले 25 वर्षों की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारी विरासत भी साझी है, हमारा विकास भी साझा है।
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पीएम मोदी ने कहा आज भारतीय सेना के उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जो मुक्तिजुद्धो में बांग्लादेश के भाइयों-बहनों के साथ खड़े हुए। जिन्होंने मुक्तिजुद्धो में अपना लहू दिया, अपना बलिदान दिया, और आज़ाद बांग्लादेश के सपने को साकार करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि 1975 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या से यह क्षेत्र उस मुकाम पर पहुंचने से वंचित रह गया जो हम एक-दूसरे के साथ साझा कर सकते थे।
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आपको बता दें कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद से अपनी पहली विदेश यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे मोदी ने लिखा, जब हम बंगबंधु के जीवन और संघर्ष की ओर मुड़़कर देखते हैं तो मैं अपने आप से पूछता हूं अगर आधुनिक युग के इस नायक की हत्या न हुई होती तो हमारा उपमहाद्वीप कैसा बन सकता था? मोदी ने कहा कि बंगबंधु के हत्यारे बांग्लादेश की आजादी से मिले फायदों को खत्म करना चाहते थे जिसके लिए बंगबंधु ने संघर्ष किया था। उन्होंने कहा, साथ ही वे एक सहयोगात्मक, शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण उपमहाद्वीप बनाने के बंगबंधु के सपने पर घातक वार करना चाहते थे।
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मोदी ने भारत और बांग्लादेश के बीच 2015 के भूमि सीमा समझौते का उदाहरण देते हुए कहा कि बंगबंधु लंबे वक्त तक रहते तो यह उपलब्धि काफी पहले ही हासिल हो जाती। मोदी ने लिखा, मुझे विश्वास है कि विश्व को लेकर अपनी दूरदृष्टि से बंगबंधु ने हमारे उपमहाद्वीप के लिए कुछ बहुत बड़ा करने का साहस दिखाया होता। यह क्षेत्र खासकर बंगाल की खाड़ी का क्षेत्र कुछ और ही होता। उन्होंने कहा, हाल के दिनों में हुई यात्रा उम्मीद जगाती है। अच्छे पड़ोसी मुल्कों के रूप में हमने जटिल मुद्दों का भी शांतिपूर्ण समाधान निकाला है। हमने भूमि और समुद्री सीमाओं का समाधान किया है। हमारे बीच व्यापार ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचा है और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।