नई दिल्ली। दिल्ली में रहने वालों के लिए हर दिन कोई ना कोई परेशानी आ ही जाती है। कोरोना, किसान आंदोलन, सर्दी और अब चालान। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही परिवहन विभाग ने गाडि़यों पर एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगाना अनिवार्य कर दिया है। अगर वाहनों पर ये नहीं है तो इसका चालान 5500 रुपये का होगा।
दिल्ली में सफर के लिए परेशानी
हाल ही में खबर आई है कि परिवहन विभाग अब हर तरह से बगैर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और रंगीन स्टीकर वाले वाहनों का मंगलवार से सख्ती करेगा और ऐसे वाहनों का चालान भी काटा जाएगा। चालान 5500 रुपये का होगा, जो एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर दोनों मामले में लागू होगा यानी अगर एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर दोनों नहीं हैं तो कुल मिलाकर 11 हजार का चालान कटेगा। यह कार्रवाई तो अभी 11 में से नौ जिलों में होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर परिवहन विभाग ने गाडि़यों पर एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगाना अनिवार्य कर रखा है। काफी प्रयास के बाद भी लोग इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अब इसे सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार से अभियान चलाया जाएगा। फिलहाल चार पहिया वाहन चालकों पर ही कार्रवाई होगी। अगर एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगवाने के लिए आवेदन किया जा चुका है तो उनका चालान नहीं होगा। उन्हें आवेदन वाली स्लिप दिखानी होगी। दूसरे राज्यों के पंजीकृत वाहनों को भी इस अभियान में शामिल नहीं किया गया है।
फिलहाल तो ये दूसरे राज्यों में पंजीकृत वाहनों को लेकर फैसला नहीं हुआ है। हल्के नीले रंग का स्टीकर पेट्रोल तथा सीएनजी वाहनों के लिए है, जबकि डीजल गाडि़यों पर नारंगी रंग का स्टीकर लगाया जाना है। इसका मकसद यह है कि डीजल की कारों को दूर से ही पहचाना जा सके। यहां बता दें कि दिल्ली में 2012 से एचएसआरपी लगाई जा रही है, लेकिन रंगीन स्टीकर 2 अक्टूबर, 2018 से सभी नई गाडि़यां में लगाया जा रहा है। इस हिसाब से यह सभी कारों में लगाया जाना है, जबकि एचएसआरपी 2012 से पहले की कारों व दो पहिया वाहनों में लगाई जानी है।
यहां तक कि इससे पहले विभाग ने 16 नवंबर को इस बारे में सार्वनजिक सूचना जारी की थी। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कार्रवाई का मकसद लोगों को सचेत करना है कि लोग जागरूक हो जाएं और एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगवा लें। दिल्ली में गत 1 नवंबर से वाहनों में एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगाए जा रहे हैं। आगे देखते है कि क्या होगा इसके चलते लोग का क्या बर्ताव होगा।