तुर्की भूकंप: लापता भारतीय व्यक्ति की मौत की पुष्टि, परिवार ने टैटू से की शव की पहचान
भारतीय दूतावास ने कहा कि तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद लापता एक भारतीय नागरिक की शनिवार को मौत हो गई।
पीड़ित विजय कुमार गौड़ का शव तुर्की के मलत्या इलाके में एक चार सितारा होटल के मलबे में मिला था। उसके परिवार ने एक टैटू के आधार पर उसकी पहचान की।
तुर्की में दूतावास ने एक ट्वीट कर जानकारी दी
तुर्की में दूतावास ने एक ट्वीट में कहा की” हम दुख के साथ सूचित करते हैं कि 6 फरवरी के भूकंप के बाद से तुर्की में लापता हुए भारतीय नागरिक श्री विजय कुमार के नश्वर अवशेष मिल गए हैं और मलत्या में एक होटल के मलबे के बीच उनकी पहचान की गई है, जहां वह एक व्यापार यात्रा पर थे।”
बयान में कहा गया है कि उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द उनके परिवार तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने बुधवार को कहा था कि एक भारतीय तुर्की के प्रभावित क्षेत्रों में से एक में लापता है, जबकि 10 अन्य कुछ दूरदराज के हिस्सों में फंसे हुए हैं लेकिन सुरक्षित माने जाते हैं।
उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले गौड़ बेंगलुरु स्थित ऑक्सीप्लांट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम कर रहे थे और तुर्की की व्यापारिक यात्रा पर थे। वर्मा ने कहा था, “पिछले दो दिनों से उनका पता नहीं चल पाया है। हम उनके परिवार और बेंगलुरु में कंपनी के संपर्क में हैं, जो उन्हें रोजगार देती है।”
मरने वालों की संख्या 25,000 के करीब
इस बीच, सोमवार को तुर्की और सीरिया के हिस्सों में आए भूकंप के पांच दिन बाद शनिवार को मलबे से बच्चों और बुजुर्गों को निकाला जा रहा था, जबकि मरने वालों की संख्या 25,000 के करीब पहुंच गई थी।
भारत ने तबाही के बाद तुर्की के साथ-साथ सीरिया को सहायता देने के लिए “ऑपरेशन दोस्त” शुरू किया। 152 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की तीन टीमों को राहत और बचाव कार्यों के लिए तुर्की में तैनात किया गया है।
गजियांटेप प्रांत के नूरदागी शहर में तुर्की सेना के जवानों के साथ बचाव अभियान के दौरान एनडीआरएफ कर्मियों द्वारा शुक्रवार को एक इमारत के मलबे से एक आठ वर्षीय लड़की को निकाला गया। एनडीआरएफ के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बचावकर्मियों ने गुरुवार को छह साल की एक बच्ची सहित दो लोगों की जान बचाई और शुक्रवार तक मलबे से 13 शव निकाले।