नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं. इन चार सालों में लोगों ने योगी आदित्यनाथ के तेज तर्रार रूप को देखा. यूपी में बीते चार सालों को एक तरफ विपक्ष नाकाम साबित करने में जुटा है तो दूसरी तरफ पूरी भाजपा इन चार सालों को ऐतिहासिक साबित करने में जुटी है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने चार साल के कार्यकाल में सूबे को दंगा मुक्त रखने के साथ-साथ यूपी को बीमारू राज्य से निकालकर आधुनिक प्रदेश बनाने की इबारत लिखी है. इतना ही नहीं कोराना काल में जिस मुस्तैदी के साथ वे इस समस्या से निपटे हैं वह एक मिसाल बन गया है.
'नए उत्तर प्रदेश' की विकास यात्रा के नए सफर पर, आइए, मिलकर साथ चलें… https://t.co/zeRmYVcddl
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 19, 2021
योगी सरकार ने जो काम कोरोना काल में किया उसकी तारीफ पूरे देश में हुई. योगी आदित्यनाथ ही पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने सबसे पहले कोटा में फंसे छात्रों को सकुशल घर भेजने का प्रबंध किया था. इसके अलावा उन्होंने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरो को भी घर भेजने के लिये बेहतरीन काम किया. साथ ही योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लव जिहाद रोकने के लिए एक कानून भी बनाया है. भाजपा इस कानून को अपनी सरकार की बड़ी सफलताओं में से एक बता रही है. लव जिहाद विरोधी कानून अखिलेश यादव और विपक्षी दलों को समाजविरोधी लग रहा है.
अपराधियों के एनकाउंटर पर विपक्ष ने अठाए सवाल
योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद कानून व्यवस्था सुधारने में बहुत काम किया. सरकार ने आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर शिकंजा कसते हुए उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश पुलिस को दिए जिसमें कई अपराधियों का एनकाउंटर भी करना पड़ा. 2017 में 28, 2018 में 41, 2019 में 34, 2020 में 26 और 2021 में अब तक 6 अपराधी मारे जा चुके हैं. इनामी अपराधियों में सबसे ज्यादा 50 हजार के 46, 25 हजार के 20, 1 लाख के 18 अपराधी मारे गए. मारे गए अपराधियों के साथ 2900 अपराधी घायल भी हुए. और इस मुठभेड़ में 14 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए.
उत्तर प्रदेश में बिछ रहा एक्सप्रेस-वे का जाल, बेहतर हो रहा प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर का हाल…#योगीजी_के_4_साल_बेमिसाल pic.twitter.com/vSJxIQnKRT
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) March 19, 2021
शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये कई योजनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र और राज्य की योजनाओं का उपयोग आबादी के एक बड़े हिस्से को अस्थायी सहायता प्रदान करने के लिए किया, जो अपने गृह राज्य में चले गए थे. यह राहत वित्तीय सहायता और मुफ्त भोजन के रूप में थी. प्रवासन ने एक और समस्या बेरोजगारी पैदा कर दी. योगी आदित्यनाथ ने समस्या को हल करने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की अपनी प्रमुख योजना का प्रभावी ढंग से उपयोग किया. ओडोओपी, एमएसएमई क्षेत्र से सहायता प्राप्त करने के साथ, राज्य में सबसे बड़ी ड्राइविंग फोर्स बनकर उभरी.
1 लाख 30 हजार से ज्यादा सरकारी शिक्षकों की भर्ती
योगी सरकार ने निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत 1.30 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की. हालांकि विपक्षी दलों ने इस भर्ती प्रकिया पर भी सवाल खड़े किये. योगी सरकार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा अनिवार्य कर दी है. अब तक 1.35 लाख प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प किया गया है और बुनियादी सुविधाओं से लैस किया गया है. माता-पिता को प्रेरित करने और ड्रॉपआउट दर को कम करके बच्चों का नामांकन किया गया है.
4 साल में कई नये विद्यालयों की स्थापना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने 3 राज्य विश्वविद्यालय, 51 नए सरकारी कॉलेज, 194 नए सरकारी माध्यमिक विद्यालय, 28 इंजीनियरिंग कॉलेज, 26 पॉलिटेक्निक, 79 आईटीआई, 248 इंटर कॉलेज और 771 कस्तूरबा विद्यालय योगी शासन में स्थापित किए गए हैं. 28 नए निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता प्रक्रियाधीन है.
योगी सरकार के सामने चुनौतियां
योगी आदित्यनाथ सरकार ने भले ही चार साल ही आसानी से पूरा कर लिया हो, लेकिन आगे की सियासी राह चुनौतियों भरी हैं. इसमें योगी के सामने सबसे बड़ी चुनौती सबका स्वीकार्य नेता बनने और उनका भरोसा जीतने की है. इसके अलावा अपने हिंदुत्व के रुख को बरकरार रखने के साथ-साथ विकास के पैमाने पर भी खरा उतरना होगा. सूबे में 2022 का विधानसभा चुनाव योगी के कामकाज और चेहरे पर होना है, ऐसे में उनकी आगे की राह काफी मुश्किलों भरी है.