नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जनसंख्या नीति पेश (UP Population Policy) करने के बाद देशभर में एक नई बहस छिड़ गई है। वहीं बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी कोटे से उपमुख्यमंत्री रेणु देवी आमने-सामने हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उठाए गए कदम को लेकर जब नीतीश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए सिर्फ कानून बनाने से आबादी नियंत्रित हो जाएगी यह संभव नहीं है। इसके लिए महिलाओं का शिक्षित होना ज्यादा जरूरी है। सीएम नीतीश कुमार के बयान से उल्ट उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि इसके लिए पुरुष को जागरूक होने की जरूरत है।
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नीतीश ने जागरूक करने की कही थी बात
बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि “जो राज्य जो करना चाहे करें, लेकिन हमारा मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए केवल कानून बनाकर उपाय करेंगे तो यह ठीक से संभव नहीं हो सकता । अगर महिलाएं पढ़ी लिखी होंगी तो उनके अंदर ज्यादा जागृति होगी और प्रजनन दर अपने आप घटेगी।” लेकिन उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता रेणु देवी नीतीश कुमार के इस विचार से सहमत नहीं हैं। रेणु देवी ने कहा कि केवल महिलाओं के शिक्षित होने से ही जनसंख्या नियंत्रण संभव नहीं है।
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नसबंदी से डरते हैं पुरुष- रेणु
अपने लिखित बयान में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुरुषों के अंदर जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए नसबंदी को लेकर भी काफी भय है। नसबंदी के नाम पर पुरुष डरते हैं।
बेटे की चाहत – डिप्टी सीएम
रेणु देवी ने कहा कि नसबंदी से पुरुष कितने डरते हैं इसका अंदाजा राज्य में नसबंदी दर से ही लगाया जा सकता है। बिहार के कई जिलों में नसबंदी की दर मात्र एक फीसदी है। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि बेटे की चाहत में पति और ससुराल वाले महिला पर अधिक बच्चे पैदा करने का दबाव बनाते हैं जिससे परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ जाती है।