नई दिल्ली। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election) की सरगर्मी के बीच प्रदेश में नेताओं के दल बदल का सिलसिला जारी है। इस बीच हाल ही में बीजेपी (BJP) के निष्कासित किए गए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) आज कांग्रेस में शामिल हो गए। हरक सिंह रावत ने हरीश रावत (Harish Rawat) की मौजदूगी में कांग्रेस का दामन थामा।
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बीजेपी से किया गया था निष्कासित
बता दें कि, हरक सिंह रावत ने 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से बगावत की थी। उनके साथ उस समय नौ विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए थे। जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। हाल ही में बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। जिसके बाद उनके फिर कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी।
सोनिया व राहुल गांधी ने दी हरी झंडी
हरक को विगत रविवार को भाजपा से निकाला गया था। सूत्रों से खबर है कि एक टिकट की शर्त पर हरक की कांग्रेस में वापसी हुई है। पार्टी से या तो हरक सिंह रावत को या फिर उनकी बहू को टिकट मिल सकता है। सोनिया व राहुल गांधी की हरी झंडी के बाद हरक सिंह को पार्टी में शामिल करने का अंतिम फैसला किया गया।
हरक की वापसी में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव लंबे समय से जुटे हुए थे। लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने 2016 के प्रकरण को देखते हुए उनकी वापसी को रोके रखा।
हरक ने बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाया
हरक सिंह रावत ने एक बार फिर कांग्रेस में वापसी कर ली है। गौरतलब है कि रविवार को बीजेपी ने हरक सिंह रावत के बगावती तेवरों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रावत को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इससे पहले भाजपा की उत्तराखंड इकाई की कोर ग्रुप बैठक के दौरान हरक सिंह रावत शामिल नहीं हुए थे।
वहीं हरक सिंह रावत भाजपा से निष्कासित होने के बाद काफी भावुक नजर आए थे। उन्होंने आरोप लगाया की बीजेपी ने उनके साथ धोखा किया है। हरक सिंह ने यह भी कहा कि 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। जिसमें भाजपा सत्ता से बाहर होगी और कांग्रेस 40 सीटों के साथ सरकार बनाएगी।
परिवार के सदस्यों को टिकट देने का बना रहे थे दबाव
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हरक सिंह रावत परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। भाजपा में हरक आए उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया, लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ है।