नई दिल्ली। विराट कोहली (Virat Kohli) के कप्तानी छोड़ने के घोषणा के बाद उनके फैंस काफी निराश थे, लेकिन लोगों ने विराट के इस फैसले का स्वागत किया। टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। पूर्व भारतीय कप्तान (Virat Kohli) ने अपने फैसले पर चुप्पी तोड़ते हुए पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है कि उन्हें टीम का नेतृत्व करने के लिए कप्तान रहने की जरुरत नहीं है।
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भारत में कौशल की कोई कमी नहीं
Virat Kohli ने फायराइड चैट से बातचीत के दौरान कहा, महेंद्र सिंह धोनी भी भारत की कप्तानी छोड़ने के वक्त टीम का हिस्सा थे। कप्तानी से हटने के बाद भी वो टीम के लीडर थे। धोनी ऐसे शख्स थे, जिनसे हमने काफी सुझाव लिए। जब मैं भारत का कप्तान बना तो मेरा लक्ष्य टीम का कल्चर चेंज करने का था, क्योंकि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश होगा जिसमें इतने कुशल खिलाड़ी हों।
हर चीज की एक समय सीमा होती है
विराट अब बतौर बल्लेबाज भारतीय टीम की तरफ से खेलेंगे। Virat Kohliने इस पर कहा, मुझे लगता है कि आपको इस बात की समझ होनी चाहिए कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं और क्या आप उसे हासिल कर पाए हैं या नहीं? हर चीज की एक समय सीमा होती है और आपको उसके बारे में मालूम रहना चाहिए। एक बल्लेबाज के रूप में आप टीम को ज्यादा दे सकते हैं, इसलिए उसमें गर्व महसूस करें।
हर भूमिका और जिम्मेदारी के लिए तैयार
उन्होंने आगे कहा कि, आगे बढ़ना भी लीडरशिप का ही हिस्सा है। मुझे लगता है कि किसी को हर भूमिका और जिम्मेदारी के लिए तैयार रहना चाहिए। मैंने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खेला और फिर कप्तान बना, लेकिन मेरी सोच हमेशा एक ही रही। मैंने हमेशा एक कप्तान की तरह सोचा है।
विराट ने 68 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की जिसमें टीम इंडिया को 40 में जीत मिली जो किसी भी भारतीय कप्तान की तुलना में अधिक है।