नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में सभी राजनीतिक पार्टियां जुट गईं हैं। AIMIM के चीफ असदुद्दीन आवैसी ने यूपी विधानसभा चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहते थे लेकिन बीएसपी सुप्रीमों मायावती (Mayawati) ने ‘वोट कटवा’ पार्टी से गठबंधन करने से इंकार दिया है।
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आजाद समाज पार्टी से हो सकता है गठबंधन
ओवैसी ने बीएसपी के पर लगाम के लिए प्लान तैयार किया है। वह चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन करने की कोशिश में लगे हैं। मायावती ने एआईएमआईएम से गठबंधन की खबरों से इनकार कर दिया था। इसके बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बीते दिनों ट्वीट कर जानकारी दी थी कि ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लेड़ेंगे। यूपी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारने के बात कही थी।
क्यों नहीं किया बीएसपी ने गठबंधन
दरअसल, बीएसपी सुप्रीमो मायावती को राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। मायावती इस बात को जानती हैं कि यदि यूपी विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम से गठबंधन कर लिया, तो असदुद्दीन ओवैसी दलित और मुस्लिम वोटरों में सेंध लगाने में कामयाब हो जाएंगे। इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। इसलिए ये माना जा रहा है कि मायवती ने इसी कारण से ओवैसी की पार्टी से गठबंधन करने से साफ़ इनकार कर दिया है।
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क्या है ओवैसी का प्लान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि असदुद्दीन ओवैसी के पास यूपी में ज्यादा कुछ खोने के लिए नहीं है। ऐसे हालातों में वह खेल बिगाड़ सकते हैं। ओवैसी पूर्वांचल में ओम प्रकाश राजभर के ‘भागीदार संकल्प मोर्चा’ के साथ हैं। वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी और मध्य यूपी में चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन की चर्चाएं चल रही हैं। औवैसी यूपी में दलित और मुस्लिम वोटरों के बीच अपनी पैठ बनाना चाहते हैं। इसी वजह से बीएसपी प्रमुख मायावती ने ओवैसी से गठबंधन नहीं किया। असदुद्दीन ओवैसी चंदशेखर की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन कर दलित और मुस्लिम वोटरों के बीच पैठ बनाने की योजना बना रहे हैं।