नई दिल्ली। भारत एक ऐसा देश है जहां हर चार कदम पर नया कल्चर और नई कहानी (Hindi kahaniya) देखने को मिल जाएगी। और ऐसे में हम बात आस्था या भगवान की करें तो फिर कई सारी चीजे देखने को और सुनने को मिल जाएगी। वहीं इस कड़ी में आज हम आपको एक नई कहानी के बारें में बताते है जो है भगवान हनुमान जी (Hanuman) के बारें में। जहां हनुमान जी की पूजा उनके मूल स्वरूप में नहीं, बल्कि स्त्री स्वरुप में होती है। कहां है यह मंदिर और इसकी कथा क्या है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
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पहले तो हम आपको बता दे कि हनुमान जी के कई सारे अलग अलग नाम है। अलग अलग व्यक्ति इनको अलगअलग नाम से जानते है। इन्ही में से एक नाम है संकटमोचन, हनुमान जी को ये नाम भी दिया गया है। आज बात एक ऐसे हनुमान मंदिर कि जिसके बारे में आपने शायद ही पहले कभी सुना होगा। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर रतनपुर गांव में स्थित है गिरिजाबंध हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर।
ये वहीं जगह है जहां पर हनुमान जी की पूजा स्त्री रुप में की जाती है। क्यू कि ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित स्त्री के रूप वाले हनुमान जी की मूर्ति करीब 10 हजार साल पुरानी है और कोई भी भक्त यहां से निराश या खाली हाथ वापस नहीं जाता है। और मंदिर से जुड़ी कहानियों में बताया जाता है कि पुराने समय में रतनपुर के राजा पृथ्वी देवजू हनुमान जी के भक्त थे। एक बार राजा को कुष्ठ रोग हो गया, जिसकी वजह से राजा अपने जीवन से निराश रहने लगे।
फिर एक रात हनुमान जी ने अपने भक्त के सपने में आए और मंदिर का निर्माण कराने का आदेश दिया। साथ ही अपनी प्रतिमा को महामाया कुंड से निकालकर मंदिर में स्थापित करने के लिए कहा। महामाया कुंड से राजा ने मूर्ती लाकर मंदिर में स्थापित की, वो मूर्ती स्त्री के रूप में थी और मंदिर का काम पूरा होने के बाद राजा का रोग भी दूर हो गया।
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तो ऐसे करके इस जगह आज भी हनुमान जी को यहां पर स्त्री के रुप में तब से पूजा जाने लगा। और आज भी वहां पर वहीं पूरानी प्रस्था चली आ रही है। कहते है कुछ चीजें पर आस्था कभी खत्म नहीं होती है तो फिर ये तो भगवान जी की बात है।