नई दिल्ली: ताइवान (Taiwan) की सीमा के नजदीक लगातार फाइटर जेट (Fighter Jet) भेज रहे चीन (China) को अब करारा जवाब मिलने वाला हैं। ताइवान ने अपनी वायुसेना में F-16 लड़ाकू विमान के सबसे उन्नत संस्करण को तैनात किए हैं। स्व-शासित द्वीप ने चीन से बढ़ते खतरों को देखते हुए अपनी रक्षा क्षमताएं बढ़ा दी हैं। ताइवान की राष्ट्रपति (President) त्साई इंग-वेन ने आज चियाली (Chiyali) में वायुसेना अड्डे पर 64 उन्नत एफ-16 वी लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल किया हैं।
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यह विमान ‘ताइवान’ के कुल 141 एफ-16 ए/बी विमानों का भाग है जो इस विमान का पुराना मॉडल है। त्साई इंग वेन ने बताया कि – उन्नत विमान अमेरिका के रक्षा उद्योग के साथ ताइवान के सहयोग की ताकत को दिखा रहा है। यह ऐसे समय में वायुसेना में शामिल किए गए हैं जब इस द्वीप का दर्जा अमेरिका – चीन संबंधों में तनाव का मुख्य कारण है। चीन ने ताइवान के बफर जोन में लड़ाकू विमान भेजकर तनाव बढ़ा दिया है।
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चीन ने ताइवान पर अपने दावे की आवाज बुलंद कर रखी है तथा राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस हफ्ते एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति ‘जो बाइडन’ से कहा कि – इस द्वीप पर चीन के दावे को दी जानी वाली चुनौतियों का मतलब आग से खेलना ही होगा। ताइवान के विरुद्ध ‘संभावित’ हमले की तैयारी के रूप में चीनी सेना अपने हथियारों और टैंकों को तैनात कर चुकी है। चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो इस प्रकार के दावे कर रहे हैं।
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ये वीडियो सामने आने के बाद से ‘तीसरे विश्वयुद्ध’ की आशंकाएं बढ़ गई हैं। हांगकांग समर्थक लोकतंत्र कार्यकर्ता एलीन चांग के मुताबिक – ये वीडियो चीन भर में ‘वीबो’ पर जमकर शेयर किए जा रहे हैं। वीबो चीन का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जिस पर सरकार का नियंत्रण है। इसे ट्विटर के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
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