नई दिल्ली: सीरिया (Syria) में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और हिंसा पर हिंदुस्तान (Hindustan) ने फिर से चिंता ज़ाहिर की है। ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ (United Nations General Assembly) की बैठक के समय आज भारतीय स्थाई मिशन के काउंसलर ‘प्रतीक माथुर’ (Prateek Mathur) ने कहा कि – हिंदुस्तान ने हमेशा सीरिया में हिंसा (Violence) और वहां पर मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अपनी चिंता जताई व्यक्त करी है।
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‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ की यह बैठक सीरिया की जवाबदेही तय करने के लिए बुलाई गई थी। इसमें सीरिया में दी जा रहीं सजाओं और वहां पर हो रहे अपराधों पर चिंता व्यक्त करी गई हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए इसे चिंता का विषय भी बताया गया हैं। इस बैठक में ‘सुरक्षा परिषद’ के सदस्य के रूप में एस्टोनिया, फ्रांस, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, कनाडा, जर्मनी, जॉर्जिया, नीदरलैंड व अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।
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हिंदुस्तान की तरफ से बैठक में शामिल हुए ‘प्रतीक माथुर’ ने कहा कि – सीरिया में सशस्त्र समूहों द्वारा सत्ता परिवर्तन और बाहरी समर्थन से वहां आतंकवाद की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। प्रतीक माथुर ने कहा कि – हमें भरोसा है कि – सीरिया की सुरक्षा और स्थिरता सिर्फ वहां की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने से ही हासिल हो सकेगी।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे एस्टोनिया के स्थाई प्रतिनिधि ‘स्वेन जुर्गेन्स’ ने कहा कि – सीरिया में सशस्त्र संघर्ष दो दशक तक पहुंच गया है। वहां पर हो रहे प्रदर्शनों और लोकतांत्रिक सुधार की मांगों को बलपूर्वक दबाया गया है। सीरियाई लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है और वहां पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि – सीरिया में अत्याचारों को रोकने और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की जरूरत है।
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