नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि – उसका मानना है कि ईरान (Iran) ने विश्व शक्तियों के साथ 2015 के समझौते का उल्लंघन करके अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम (Uranium) के अपने भंडार को और बढ़ाने का काम किया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट (Report) पेश की है। इसमे सदस्य देशों को बताया गया है कि – ईरान के पास 17.7 किलोग्राम यूरेनियम का अनुमानित भंडार है जो 60 % तक विखंडनीय शुद्धता तक समृद्ध है।
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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि – अगस्त से इसमें लगभग आठ किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है। इस प्रकार के अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम को परमाणु हथियार बनाने के लिए आसानी से परिष्कृत किया जा सकता है। यही कारण है कि – विश्व शक्तियों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने की मांग भी की है। वियना स्थित एजेंसी ने सदस्यों को बताया कि – वह इस साल के आरम्भ में संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों पर तेहरान द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण समृद्ध यूरेनियम के ईरान के सटीक भंडार को सत्यापित करने में अक्षम है।
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आईएईए फरवरी से ईरानी परमाणु स्थलों या ऑनलाइन संवर्धन निगरानी फुटेज तक पहुंचने में समर्थ नहीं रहा है। कुछ दिनों पहले ही यूरोपीय संघ ने घोषणा की थी कि – विश्व शक्तियों और ईरान के बीच 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए 29 नवंबर से वियना में एकबार फिर से बातचीत आरम्भ होगी। यूरोपीय संघ ने कहा था कि – तथाकथित संयुक्त व्यापक कार्य योजना आयोग (जेसीपीओए) की बैठक में ईरान, चीन, फ्रांस, रूस, जर्मनी और ब्रिटेन के उच्च-स्तरीय अधिकारी भाग लेंगे।
एक बयान में कहा गया था कि – ‘प्रतिभागी जेसीपीओए में अमेरिका की वापसी की संभावना और सभी पक्षों द्वारा समझौते के पूर्ण एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा जारी रख सकते हैं।’ जेसीपीओए का मकसद ईरान से प्रतिबंध हटाने के एवज में ईरानी परमाणु गतिविधियों पर लगाम लगाना है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका इस समझौते से पीछे हट गया था और उसने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लागू किया गया था।
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