नई दिल्ली। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान पर इस्तीफे को लेकर विपक्ष का दबाव बढ़ता जा रहा है। यहां गहराते सियासी संकट ने उस वक्त पर्यवेक्षकों को हैरान कर दिया था, जब बुधवार को सीनेट की 37 सीटों के लिए चुनाव हुए। हालांकि इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की स्थिति 100 सदस्यीय सीनेट में मजबूत होकर उभरी, लेकिन प्रतिष्ठित इस्लामाबाद सीट से वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख की हार ने कई सवाल खड़े किए। खासकर ऐसे में जबकि उनकी जीत के लिए खुद इमरान खान ने कोशिश की थी।
Big day for Pakistan! We will learn which direction we are going. Our heart says it will be towards new heights under the leadership of PM Imran Khan. PM asked us to play our role for Pakistan, here is one of his lessons for us while he leads from the front. #ڈٹ_کے_کھڑا_ہے_کپتان pic.twitter.com/quiDrPLphT
— PTI (@PTIofficial) March 6, 2021
शेख की गिनती इमरान खान के करीबी सहयोगियों में की जाती है। बुधवार (3 मार्च) को हुए सीनेट के चुनाव में उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने हराया, जिसे इमरान खान के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। गिलानी को 169 मत मिले, जबकि शेख को 164 मत मिले। सीनेट पाकिस्तान की संसद का द्वितीय एवं उच्च सदन है, जिसके चुनाव में संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली के सदस्य और चार प्रांतीय असेंबलियों के सदस्य वोट देते हैं। इस हार के बाद ही यह सवाल उठने लगा कि क्या इमरान खान के पास नेशनल असेंबली में बहुमत है या नहीं?
नेशनल असेंबली में विश्वास प्रस्ताव
विपक्ष ने यह कहते हुए इमरान खान से इस्तीफा मांगा कि उनकी अपनी ही पार्टी के लोगों ने उन्हें वोट देने से इनकार कर दिया। विपक्ष के इन हमलों के बीच इमरान खान ने गुरुवार (4 मार्च) को टेलीविजन पर देश की जनता को संबोधित किया तो उन्होंने किसी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने विपक्ष की नीयत पर सवाल उठाए तो अपनी पार्टी के कुछ सांसदों पर विपक्ष से ‘रिश्वत’ लेने का आरोप भी लगाया। इमरान खान पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग पर भी जमकर बरसे और उस पर भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
इन सबके बीच इमरान खान ने 6 मार्च (शनिवार) को नेशनल असेंबली में विश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा भी की और यह भी कहा कि अगर वह इसमें हार गए तो विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे। नेशनल असेंबली में आज वही विश्वास प्रस्ताव पेश किया जाना है। नेशनल असेंबली में विश्वास प्रस्ताव दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर पेश किया जाएगा, जिसके बाद इस पर चर्चा और फिर वोटिंग होगी। देर शाम इसके नतीजे घोषित होने की उम्मीद की जा रही है। विपक्ष पहले ही कह चुका है कि वह इस सत्र का बहिष्कार करेगा और विश्वास प्रस्ताव में हिस्सा नहीं लेगा।