नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख इलाके में भारत (India) और चीन (China) के बीच पिछले करीब एक साल से जारी सीमा विवाद अब खत्म होता दिख रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को राज्यसभा में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पैंगोंग लेक के पास भारत और चीन विवाद को लेकर के दोनों देश के बीच समझौता हो गया है।
मुझे सदन को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे इस approach तथा sustained talks के फलस्वरूप चीन के साथ Pangong Lake के North एवं South Bank पर disengagement का समझौता हो गया है: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) February 11, 2021
रक्षा मंत्री (Defense Minister) ने कहा दोनों ही देश अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाने को लेकर सहमत हुए हैं, साथ ही अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को अब लागू कर दिया जाएगा।
राज्यसभा में रक्षा मंत्री की कही मुख्य बातें
- जिन शहीदों के शौर्य एवं पराक्रम की नींव पर यह disengagement आधारित है, उसे देश सदैव याद रखेगा: रक्षा मंत्री
- हमारी Armed Forces की इन विषम एवं भीषण बर्फबारी की परिस्थितियों में भी शौर्य एवं वीरता के प्रदर्शन की भूरि-भूरि प्रशंसा करे: रक्षा मंत्री
- दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि Bilateral Agreements तथा Protocol के तहत पूर्ण disengagement जल्द से जल्द कर लिया जाए।चीन भी देश की सम्प्रभुता की रक्षा के हमारे संकल्प से अवगत है। यह अपेक्षा है कि चीन द्वारा हमारे साथ मिलकर बचे हुए मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जाएगा: RM
- बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है । सदन को यह जानकारी भी देना चाहता हूं कि अभी भी LAC पर deployment तथा Patrolling के बारे में कुछ outstanding Issues बचे हैं । इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा : रक्षा मंत्री
- पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ विस्थापन का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष आगे की तैनाती के लिए चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से हटाए गए हैं: रक्षा मंत्री
- मुझे सदन को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे इस दृष्टिकोण और निरंतर वार्ता के फलदायी चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण बैंक पर मतभेद का समझौता हो गया है: रक्षा मंत्री
- इन दिशा निर्देशों के दृष्टिगत सितंबर, 2020 से लगातार सैन्य और राजनयिक स्तर पर दोनों पक्षों में कई बार बातचीत हुई है कि इस विघटन का पारस्परिक स्वीकार्य तरीका निकाला गया है। अभी तक वरिष्ठ कमांडरों के स्तर पर 9 दौर की बातचीत हो चुकी है: रक्षा मंत्री
- बातचीत के लिए हमारी strategy तथा approach प्रधानमंत्री के इस दिशा निर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही यह फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं: रक्षा मंत्री
- संघर्स बाले क्षेत्रों में disengagement के लिए भारत का यह मत है कि 2020 की forward deployments जो एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं वे दूर हो जाएं और दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई एवं मान्य चौकियों पर लौट जाएं: रक्षा मंत्री
- हमारी सेनाओं ने इस बार भी यह साबित करके दिखाया है कि भारत की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा करने में वे सदैव हर चुनौती से लड़ने के लिए तत्पर हैं और अनवरत कर रहे हैं: रक्षा मंत्री
- भारतीय सेनाऍं अत्यंत बहादुरी से लद्दाख की ऊंची दुर्गम पहाडि़यों तथा कई मीटर बर्फ के बीच में भी सीमाओं की रक्षा करते हुए अडिग हैं और इसी कारण हमारा edge बना हुआ है: रक्षा मंत्री
- भारतीय सेनाओं ने इन सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया है तथा अपने शौर्य एवं बहादुरी का परिचय Pangong Tso के south एवं north bank पर दिया है: रक्षा मंत्री
- पिछले वर्ष मैंने इस सदन को अवगत कराया था कि LAC के आस-पास Eastern Ladakh में कई friction areas बन गए हैं। हमारे सशस्त्र सेनाओं द्वारा भी भारत की सुरक्षा की दृष्टि से adequate तथा effective counter deployment किए गए हैं: रक्षा मंत्री
- भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि Bilateral relation दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं, साथ-साथ ही सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है: रक्षा मंत्री