नई दिल्ली। देश की प्रमुख एयरो स्पेस और रक्षा प्रदर्शनी एयरो इंडिया-2021 (Aero India 2021) के 13 वें संस्करण का आयोजन बेंगलुरु के येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर किया गया है। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) ने अपने संबोधन के दौरान चीन पर हमला करते हुए कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर यथास्थिति में बदलाव की कोशिशों को लेकर सतर्क है और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी दुस्साहस से निपटने को तैयार है। रक्षामंत्री के साथ कर्नाटक सीएम बी.एस.येदियुरप्पा भी एयरो इंडिया शो में हिस्सा लिया। ये कार्यक्रम आज से 5 फरवरी तक चलेगा।
कर्नाटक: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो में हिस्सा लिया। ये कार्यक्रम आज से 5 फरवरी तक चलेगा। pic.twitter.com/5Fk8kWFLVW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2021
रक्षा मंत्री ने कहा वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बावजूद, इस वर्ष के आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को देखकर मुझे प्रसन्नता हुई। एयरो इंडिया 21 भारत की विशाल क्षमता और हमारे देश में डिफेंस और एयरोस्पेस के क्षेत्र में विविध अवसरों को प्रदर्शित करेगा। आगे उन्होंने कहा मुझे बहुत खुशी है कि HAL को 83 नए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के विकास के ऑर्डर मिले हैं। भारतीय वायु सेना से तेजस MK1A का मूल्य 48000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह अब तक का सबसे बड़ा “मेक इन इंडिया” डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट है।
The recent decision of induction of 83 TEJAS in IAF by the government and the successes of indigenously developed systems like Bombs, Radars sonar, Communication Systems, armaments etc. reflect the role of DRDO in the country's self-reliance: Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/27OqiaQie9
— ANI (@ANI) February 3, 2021
बता दें कि राजनाथ सिंह ने येलाहंका वायुसेना स्टेशन में आयोजित ‘एरो इंडिया-2021’ के उद्घाटन समारोह में शिरकत किया। इस दौरान उन्होंने कहा- भारत और चीन के बीच पिछले साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों ने इस गतिरोध को सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ता की है, लेकिन इसमें कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। सिंह ने कहा कि भारत की योजना बड़े एवं जटिल मंचों के घरेलू विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगामी सात से आठ साल में रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की है।
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सिंह ने कहा कि आत्म-निर्भरता एवं निर्यात के दोहरे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, सरकार ने एरोस्पेस एवं रक्षा सामग्रियों और सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपए के निर्यात समेत रक्षा विननिर्माण के क्षेत्र में 1,75,000 करोड़ रुपए की कुल बिक्री हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आगामी सात से आठ साल में रक्षा आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की योजना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अपने कई मित्रवत देशों की तरह भारत के सामने भी कई मोर्चों से खतरे और चुनौतियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि देश सरकार प्रयोजित आतंकवाद का पीड़ित रहा है और यह अब एक वैश्विक खतरा बन गया है।उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के रक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए हाल में कई कदम उठाए हैं।