नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन चल रहा है जोकि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक तरफ सरकार अपने फैसले पर है और दूसरी तरफ किसान अपने फैसले पर। इल सबके बीच टिकरी बॉर्डर के आस-पास किराए पर रह रहे लोगों को काफी नुकसान हो रहा है जिसकी वजह से कई घर खाली हो गए है।20 से 30 फीसदी लोगों ने किराए पर लिए हुए कमरें छोड़ दिए है।
किसान आंदोलन का असर
किसान और सरकार के बीच जो तनातनी चल रही है उस सबके बीच कुछ ऐसे लोग भी है जिसको काफी नुकसान हो रहा है। बात कर रहे है मजदुरों की, पहले ही कोरोना की वजह से बहुत कुछ झेला है मजदुरों ने और अब फिर से एक नई परेशानी हो गई है। आंदोनलन की वजह से बंद हुए मार्ग के कारण फैक्टरियों में भी कच्चा माल नहीं पहुंच पा रहा है जिसका खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है।
जब से किसान आंदोलन शुरु हुआ है तब से टिकरी बॉर्डर के आस-पास जो मजदुर रह रहे है उनका काम बंद हो गया है। इस वजह से वो लोग जो किराए पर कमरा लेकर रहते थे उन्होनें अपना कमरा खाली करने का मन मना लिया है। साथ ही अन्य लोगों का भी जाना जारी है। दरअसल, टीकरी बॉर्डर पर बसी बाबा हरिदास कॉलोनी में अधिकतर किरायेदारी का काम होता है। यहां हजारों की संख्या में बने मकानों में 10 हजार से भी अधिक किरायेदार रहते हैं जो मजदूरी कर गुजारा बसर कर रहे हैं।
यहां रहने वाले कुछ मजदूर पास में ही रिक्शा चलाते हैं, कुछ काम की तलाश में दूर निकलते हैं तो कुछ नजदीक में औद्योगिक क्षेत्र में बसी फैक्टरियों में मजदूरी करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद से पटरी पर लौटती अर्थव्यवस्था पर प्रदर्शन की वजह से लगे ब्रेक से मजदूर भी प्रभावित हो रहे हैं। आंदोनलन की वजह से बंद हुए मार्ग के कारण फैक्टरियों में भी कच्चा माल नहीं पहुंच पा रहा है जिसका खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है।