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Saturday, June 1, 2024

Social Media Guideline: क्या भारत में बैन हो जाएगा व्हाट्सएप, जानिए

नई दिल्ली। भारत सरकार ने गुरुवार को सभी नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों 2021 की घोषणा की। डिजिटल मीडिया के लिए ‘आचार संहिता’ एवं त्रिस्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली लागू होगी। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है।

दरअसल यह सोशल मीडिया पर विनियमन लाने के बारे में है। दिशा-निर्देशों के तहत ट्विटर और व्हाट्सएप जैसे मंचों के लिए यह भी आवश्यक किया गया है कि उन्हें अधिकारियों द्वारा राष्ट्र विरोधी तथा देश की सुरक्षा एवं संप्रभुता के खिलाफ मानी जाने वाली सामग्री के प्रसार की शुरुआत करने वाले प्रथम व्यक्ति की पहचान उजागर करनी होगी। लेकिन व्हाट्सएप का कहना है कि वह ऐसा नहीं कर सकता। व्हाट्सएप ने बहुत पहले कहा था कि एंड टू एंड एन्क्रिप्शन की वजह से हम यह पता नहीं लगा सकते कि किसने और कहां से मैसेज भेजा है।

इससे पहले भी सरकार द्वारा ऐसी मांग की गई थी। लेकिन इस बार यह मांग नहीं बल्कि एक दिशानिर्देश है। अगर व्हाट्सएप इस गाइडलाइन का पालन करने से इनकार कर दे तो क्या होगा? व्हाट्सएप पर होगा बैन?इससे पहले भी सरकार ने कहा था कि व्हाट्सएप को यह पता लगाने के लिए एक उपकरण बनाना चाहिए कि प्रवर्तक कौन है। संदेश कहां से उत्पन्न हुआ था? व्हाट्सएप ने तब जवाब दिया था कि ऐसा करना संभव नहीं है। व्हाट्सएप ने कहा था कि अगर ऐसा किया जाता है, तो व्हाट्सएप का सोल खत्म हो जाएगा और व्हाट्सएप का फीचर मौजूद नहीं रहेगा। व्हाट्सएप ने यह भी कहा कि अगर ऐसा किया जाता है, तो यह व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के साथ खिलवाड़ होगा।

एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के बारे में सरल शब्दों में, यह एक एन्क्रिप्शन प्रमुख है, जिसके कारण प्रेषक और रिसीवर के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति या एजेंसी संदेश नहीं देख सकता है। अंत से अंत तक संदेश की उत्पत्ति का पता लगाना संभव नहीं है।डिजिटल मीडिया और ओटीटी के बारे में नियम मुख्यत: संस्थानिक और स्व-नियमन तंत्र पर केंद्रित हैं जहां पत्रिकारिता संबंधी एवं रचनात्मक स्वतंत्रता को बरकरार रखते हुए एक मजबूत शिकायत समाधन तंत्र उपलब्ध कराया गया है। यह पहली बार है जब देश के भीतर संचालित डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया के लिए नियम तय किए गए हैं।

किसानों के प्रदर्शन से संबंधित कुछ संदेशों पर सप्ताहों तक सरकार और ट्विटर के बीच चली तकरार के बाद सोशल मीडिया के लिए नियम लाए गए हैं। सरकार ने किसान आंदोलन से संबंधित कुछ सोशल मीडिया संदेशों को हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया था। केंद्र सरकार ने लगभग 1,500 अकाउंट और संदेशों को हटाने को कहा था जिसका ट्विटर ने दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी के बाद पालन किया था।

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा कि सोशल मीडिया के बार-बार दुरुपयोग और फर्जी खबरों के प्रसार को लेकर चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं। प्रसाद ने कहा, ‘‘भारत में कारोबार करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का स्वागत है…हम आलोचना और असहमति का स्वागत करते हैं…लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों को समयबद्ध तरीके से उनकी शिकायतों के समाधान के लिए एक उचित मंच दिया जाए।

इस नियम का ट्विटर और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंचों पर काफी प्रभाव पड़ेगा। नियमों में यह भी कहा गया है कि जो उपयोगकर्ता स्वेच्छा से अपने अकाउंट का सत्यापन चाहते हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए उचित तंत्र दिया जाना चाहिए और सत्यापन का एक चिह्न उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इन नियमों के तहत कंपनी जब स्वयं से किसी सामग्री को हटाएगी तो उसे इसके बारे में उपयोगकर्ता को पूर्व सूचना और स्पष्टीकरण देना होगा। ऐसे मामलों में कंपनी द्वारा की गई कार्रवाई पर दलील प्रस्तुत करने के लिए उपयोगकर्ताओं को पर्याप्त और उचित अवसर प्रदान किया जाएगा। सोशल मीडिया से संबंधित नियमों का संचालन इलेक्‍ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जाएगा, जबकि डिजिटल मीडिया से संबंधित नियमों का संचालन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय करेगा।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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