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Tuesday, May 21, 2024

Tech News: लाइट की स्पीड से भी तेज डेटा ट्रांसफर करेगा स्टारलिंक

नई दिल्ली। डेटा ट्रांसफर के लिए एलन मास्क ने एक घोषण की है जिनको सुनकर हर कोई इसके बारें में सोच रहा है। बात कुछ ऐसी है कि Tesla और SpaceX के CEO एलन मास्क ने हाल ही में एक ट्वीट में कहा है कि सैटेलाइट-ब्रॉडबैंड, स्टारलिंक के केस में, हर जगह ग्राउंड स्टेशनों की जरूरत नहीं होगी। यह लाइट की स्पीड के करीब या उससे भी तेज डेटा ट्रांसफर प्राप्त करने में मदद करेगा।

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एलन मास्क एक ट्विटर यूजर और इंटरनेट रॉकेट वैज्ञानिक स्कॉट मैनली को जवाब दे रहे थे, जिन्होंने ब्रॉडबैंड सेवाओं में डाउनलिंक स्टेशनों की जरूरत को हाईलाइट किया, जिस पर एलन मास्क ने जवाब दिया कि अगले 4 से 6 महीनों में लॉन्च होने वाले स्टारलिंक सैटेलाइट में अंतर-सैटेलाइट लेजर लिंक होंगे, इसलिए किसी लोकल डाउनलिंक की जरूरत नहीं होगी। मैनले ने तब पूछा कि क्या लेज़रों से परे कोई वास्तविक अंतर था, और क्या उन्हें पैकेट रूटिंग के लिए ज्यादा ऑनबोर्ड प्रोसेसिंग की जरूरत है।

या अगर वे लेजर इंटरलिंक्स को जोड़ने से पहले पर्याप्त क्षमता के साथ बनाए गए थे। मस्क ने जवाब दिया,- “प्रोसेसिंग कोई मुद्दा नहीं है। लेजर लिंक ग्राउंड स्टेशन की बाधाओं को कम करते हैं, इसलिए डेटा सिडनी से London तक अंतरिक्ष के माध्यम से जा सकता है, जो फाइबर और छोटे पथ की तुलना में लाइट की ~ 40% तेज स्पीड है। साथ ही, हर जगह ग्राउंड स्टेशनों की जरूरत नहीं है। आर्कटिक में शानदार बैंडविड्थ होगी!”

लेकिन क्या डेटा ट्रांसफर लाइट की स्पीड से होता है? कुछ हद तक। लाइट की स्पीड 3,00,000 किमी/सेकंड है। डेटा को इन्फ्रा-रेड लाइट द्वारा ले जाया जाता है क्योंकि यह लंबी दूरी के ऑप्टिक फाइबर पर इस्तेमाल की जाने वाली वेवलेंथ है जो लगभग 2,00,000 किमी / सेकंड की ट्रेवल करती है जो ग्लास के माध्यम से लाइट की स्पीड है। यूजर्स को इंटरनेट ट्रैफ़िक और नेटवर्क राउटर और ऑप्टिकल ट्रांसीवर जैसे सहायक नेटवर्क कंपोनेंट्स से गुजरने वाले डेटा की संभावना को ध्यान में रखना होगा, जो एवरेज स्पीड को धीमा कर देते हैं।

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Musk के स्टारलिंक ने कम या बिना नेटवर्क वाले क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा देने का वादा किया है। स्टारलिंक अपनी वेबसाइट पर बताता है कि Starlink Satellite लेटेंसी को इस हद तक कम कर देगा कि वह स्पीड प्राप्त कर लेगा जो आमतौर पर ट्रेडिशनल सैटेलाइट इंटरनेट के साथ संभव नहीं है। स्टारलिंक के मुताबिक लॅटेन्सी एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक डेटा भेजने में लगने वाला समय है।

जब सैटेलाइट पृथ्वी से दूर होते हैं, तो लॅटेन्सी ज्यादा होती है, जिसके परिणामस्वरूप वीडियो कॉल और ऑनलाइन गेमिंग जैसी एक्टिविटी के लिए खराब प्रदर्शन होता है| हालांकि, स्टारलिंक सैटेलाइट ट्रेडिशनल सैटेलाइट की तुलना में 60 गुना ज्यादा पृथ्वी के करीब हैं। इस महीने की शुरुआत में Musk ने संकेत दिया था कि स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा जल्द ही भारत में आ सकती है और कंपनी रेगुलेटरी अप्रूवल का इंतजार कर रही है।

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Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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