नई दिल्ली। सेहत का खराब होना या सही होना मौसम के साथ बदलता रहता है। साथ ही उम्र भी इसमें अहम रोल निभाती है, उम्र के हिसाब से इंसान को कई सारी बिमारियां होती रहती है। ऐसे में मौसम में बदलाव के साथ ही कुछ लोगों के जोड़ों में तकलीफ बढ़ने लगती है और लगातार ऐसा होने से वे समझ जाते हैं कि अब मौसम बदलेगा।बदलते मौसम की दिक्कत मौसम के बदलने पर होने वाली यह तकलीफ बहुत आम है। ऐसे में जोड़ों का दर्द भी कई सारे लोगों को होता है, कितने ही ऐसे लोग है जो इस दर्द की वजह से काफी परेशान होते है। ऐसे में आज हम आपको इससे छुटकारा पाने के कुछ उपाय बताएंगे।
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असल में जोड़ों के इस दर्द के पीछे एक बड़ा कारण बायोमैट्रिक प्रेशर यानी सामान्य शब्दों में हवा का दबाव भी हो सकता है। बारिश के दिनों में चूंकि हवा का दबाव परिवर्तित होता है जिससे हड्डियों के आस पास स्थित मांसपेशियों, टेंडन्स और टिशूज फैलते और सिकुड़ते हैं। साथ ही कम तापमान के कारण जोड़ों के बीच में स्थित द्रव्य गाढ़ा हो जाता है। यह जोड़ों के दर्द की वजह बन सकता है।
ऐसे में इस दर्द को लेकर विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके अलावा बारिश के दिनों में नमी, उमस और ठंडक भी जोड़ों के दर्द या अकड़न को उभार सकती है। खासकर आर्थराइटिस के रोगियों में। दर्द का उभरना हवा के दबाव में परिवर्तन से घने काले बादलों के छाते ही कई लोगों के घुटनों, कलाइयों, कमर, पैरों के निचले हिस्से और यहां तक कि उंगलियों और पसलियों में भी दर्द और अकड़न होने लगती है।यह दर्द कई बार सुबह उठने पर परेशान करता है कई बार रात को सोते समय।
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कई लोगों में दिनभर काम करते रहने पर दर्द नहीं उभरता लेकिन जैसे ही वे एक जगह बैठते हैं उनका दर्द बढ़ने लगता है। इसके छुटकारा पाने के लिए आप ये उपाय कर सकते है, बारिश और ठंडक के कारण लोगों का चलना फिरना कम होता है। यह भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए बारिश में भी पैदल चलने, स्ट्रेचिंग, ब्रिस्क वॉक या योगा जरूर करें। चाहे घर में ही एक कमरे से दूसरे कमरे में चलें पर कम से कम आधा घण्टे सुबह और आधा घन्टा रात के भोजन के बाद वॉक करें।
मौसम में ठंडक बढ़ते ही जितना हो सके खुद को गर्म रखने की कोशिश करें। अगर दिक्कत न हो तो पैरों में मोजे पहनें या कम से कम चप्पल पहन कर रहें। रात को भी पैरों पर मोटी चादर डालकर सोएं। गर्म सेक करें। अपने वजन को संतुलित रखें। भोजन में गरिष्ठ चीजें और अधिक मीठा लेने से बचें। कोशिश करें कि रात का भोजन जल्दी करें और भोजन करने के बाद टहलें जरूर। भरपूर नींद लें और सुबह उठने के बाद कम से कम आधा घन्टा धूप में गुजारें। तो इस तरह से आप अपनी समस्या से निजात पा सकते हैं।
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