नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। ऐसे में आज अमेरिका और उसके अन्य सहयोगी देशों की तालिबान को लेकर मीटिंग है। सूत्रों के मुताबिक तालिबान को दुनिया में अलग-थलग करने के लिए तमाम तरह के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे या फिर उसे मान्यता मिलेगी, यह फैसला आज की मीटिंग में हो सकता है। जो बाइडेन जी-7 देशों के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग कर सकते हैं।
तालिबान का नाम लिए बिना बोले रक्षा मंत्री-भारत के लिए बढ़ गईं चुनौतियां!
बता दें कि जी-7 देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इस मीटिंग में तालिबान को आधिकारिक मान्यता देने या नहीं देने पर फैसला होगा। इसके अलावा कुछ प्रतिबंधों को लागू कर तालिबान को महिलाओं के अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन के लिए बाध्य करने पर सहमति बन सकती है। बैठक में यूएन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुतारेस और संयुक्त राष्ट्र क महासचिव जेन स्टॉलटेनबर्ग भी शामिल हो सकते हैं।
एक यूरोपियन राजनयिक ने कहा कि जी-7 के नेता इस मीटिंग में यह फैसला करेंगे कि तालिबान को मान्यता देनी है या नहीं। यदि देनी भी है तो उसका समय क्या रहेगा। 15 अगस्त को तालिबान के अचानक अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिए जाने से अमेरिका और उसके सहयोगी देश भी हैरान हैं। तालिबान के कब्जे के बाद से हजारों लोग रोज अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं। इस बीच अमेरिका और भारत समेत कई सहयोगी देश आक्रामक होने की बजाय बचाव की मुद्रा में हैं और किसी तरह अपने लोगों को काबुल से निकालने पर फोकस कर रहे हैं।
काबुल एयरपोर्ट से150 भारतीयों के अपहरण की खबर गलत, सभी लोग सुरक्षित!
जी-7 के नेताओं से मीटिंग करेंगे जो बाइडेन
गौरतलब है कि हाल ही में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान ने पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है। इसके बाद अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए। ऐसे में वहां अफरातफरी का माहौल बन गया और आम नागरिक देश छोड़कर जाने को मजबूर हो गए। बहुत से अफगान शरणार्थी तालिबान के खौफ से देश छोड़कर भाग रहे है।