नई दिल्ली: केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उनका फोन टैप किया गया है तो उन्हें इसे जांच एजेंसी को सौंप देना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए दावा किया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अवैध तरीके से किसी का भी फोन टैप नहीं किया है। इससे पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजद्रोह का आरोप लगाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
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राहुल को राठौर का जवाब
राहुल के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जनता के द्वारा लगातार दो बार खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस किसी न किसी बहाने संसद की कार्यवाही को बाधित करना चाहती है। राठौर ने कहा कि राहुल गांधी को अपना फोन जांच एजेंसी को सौंप देना चाहिए और भारतीय दंड संहिता के तहत जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश का विकास बर्दाश्त नहीं कर सकती, इसलिए कोई ना कोई बहाना बनाकर वह संसद की कार्यवाही बाधित कर रही है।
‘मैं संभावित टारगेट हूं, – राहुल गाँधी
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि, ‘मैं संभावित टारगेट हूं, मेरा फोन टैप किया गया। केवल यह फोन नहीं, मेरे सभी फोन टैप किए गए।’ गौरतलब है कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस की लीक सूची में राहुल गांधी का नाम सामने आया है। राहुल ने यह भी दावा किया कि उनके सुरक्षाकर्मियों ने बताया था कि उनकी बातचीत पर निगरानी रखी जा रही है।
पेगासस जासूसी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सॉफ्टवेयर की खरीद पर रोक की मांग
बता दे पेगासस जासूसी मामले को लेकर देश के कई विपक्षी नेता मोदी सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस पार्टी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रही है। हालांकि सरकार इस जासूसी के मामले को संसद में भी खारिज कर चुकी है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए।