नई दिल्ली। भारत (India) और चीन (China) के सैनिक एक तरफ जहां लद्दाख में आमने-सामने है। तो वहीं दूसरी तरफ तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) से पीएम मोदी (PM Modi) ने टेलीफोन पर बात की है। मीडिया रिपोट्स की के अनुसार तो पीएम मोदी ने दलाई लामा को केवल जन्म दिन की बधाई दी है लेकिन, चीन को इससे परेशानी होने लगी है। दलाई लामा और पीएम मोदी के बीच बातचीत से चीन बौखला गया है। इसके पीछे मुख्य वजह ये है कि चीन को तिब्बत पर भारत की नई योजना का डर सताने लगा है।
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पीएम मोदी ने की दलाई लामा से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दलाई लामा के 86वें जन्मदिन के मौके पर उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की। पीएम मोदी की बधाई देने पर तिब्बती बेहद खुश नजर आ रहे हैं और उन लोगों का कहना है कि इससे चीन को कड़ा संदेश जाएगा। ये आम बात है कि जब तिब्बत के लोग खुश हों, तो चीन की चिंता बढ़ जाती है, क्योंकि चीन को तिब्बत के फिसलने का डर सताने लगता है।
Spoke on phone to His Holiness the @DalaiLama to convey greetings on his 86th birthday. We wish him a long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2021
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भारत-चीन के बीच संबंध
ज्ञात हो कि पिछले एक साल से चीन और भारत के बीच के संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। लद्दाख में चीन और भारत की सेना आमने सामने है। पिछले साल गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई जिसके कारण दोनों देशों के बीच का तनाव काफी बढ़ गया है। ऐसे में भारत ने तिब्बत का साथ देकर चीन की चिंता बढ़ाने की योजना बनाई है और कुछ समय पहले तिब्बत के मुद्दे को उठाया जाने लगा है। अब तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के साथ पीएम की बातचीत से यह मुद्दा फिर से गरम हो गया।
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क्या हैं पूरा मामला
बता दें कि साल 1959 में आजाद तिब्बत पर चीनी सैनिकों ने हमला किया और उसपर कब्जा कर लिया था। इससे पहले से ही People’s Republic of China और तिब्बतियों के बीच लड़ाई चल रही थी। इस लड़ाई में लगभग 87,000 तिब्बती मारे गए। लेकिन इस बीच दलाई लामा किसी तरह बच निकले और असम के रास्ते भारत आ पहुंचे। उस समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने दलाई लामा को हिमाचल में शरण दी। इसके बाद से दलाई लामा ने अपने देश की आजादी के लिए मुहिम छेड़ दी। वहीं दूसरी ओर दलाई लामा को पकड़ने में नाकामयाब चीन ने उनके उत्तराधिकारी पंचेन लामा को लगभग 25 साल पहले अगवा कर लिया। तब से पंचेन लामा की कोई खबर नहीं है।
गौरतलब है कि असल में दलाई लामा पिछले 25 सालों से ज्यादा वक्त से तिब्बत को चीन से आजाद करने की मुहिम चला रहे हैं। एलएसी पर एशिया की दो महाशक्तियों के बीच टकराव को पूरा एक साल हो गया है। पिछले साल 15-16 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प हुई। लद्दाख में भारत और चीन के बीच कुछ सैनिकों की वापसी के बावजूद सीमा पर तनाव बना हुआ है। ऐसे में पीएम मोदी का दलाई लामा से बातचीत से चीन परेशान हो गया है।