कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार की अनोखी मुहिम, AI मशीन पहचानेगी ‘भोजन की गुणवत्ता’
Technology Desk | BTV Bharat
भारत में टेक्नोलॉजी केवल शहर तक ही सीमित नहीं है। इसका शानदार उदाहरण महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मिला है। दरअसल यहां एक स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर भोजन की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है। पोषण स्तर में सुधार को देखते हुए इस मशीन को लगाया गया है। गढ़चिरौली के एटापल्ली के टोडसा आश्रम स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI आधारित एक मशीन लगाई गई है।
यह मशीन खाने की थाली के साथ स्टूडेंट की तस्वीर लेती है
यह मशीन खाने की थाली के साथ स्टूडेंट की तस्वीर लेती है और कुछ सेकंड में बिना किसी की मदद से पहचान लेती है कि ‘भोजन की गुणवत्ता’ अच्छी है या नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने कुपोषण को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया है। इससे गांव में रहने वाले आदिवासियों तक पहुंच बनी रहेगी। कुछ अधिकारियों के मुताबिक, आदिवासी इलाकों में राज्य सरकार की तरफ से चलाए जा रहे स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ पौष्टिक भोजन पर भी ध्यान दिया जाता है।
अभी बहुत से आदिवासी इलाकों में बच्चे कुपोषित हैं
हालांकि, अभी बहुत से आदिवासी इलाकों में बच्चे कुपोषित हैं। इससे निपटने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना भी जरूरी है ताकि सही क्वालिटी का खाना बच्चों तक पहुंच सके। अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार की आदिवासी विकास परियोजना तहत चलाए जा रहे इस अभियान में एक एनजीओ भी मदद कर रही है। वहीं उद्योग यंत्र स्टार्ट-अप की मदद से टोडसा आश्रम में AI-आधारित यह मशीन लगाई गई है। इस मशीन को इस हिसाब से तैयार किया गया है कि भोजन की क्वालिटी और भोजन की क्वांटिटी पर ध्यान दिया जा सके।