नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों (Agriculture Law) और अन्य मुद्दों के खिलाफ अपने साल भर के आंदोलन (Farmers Movement End) को स्थगित करने की घोषणा के बाद किसानों ने शनिवार सुबह सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) खाली कर दिया। वहीं, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) को भी किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है। इस दौरान किसानों में खुशी देखने को मिल रही है।
Farmers Movement End: किसान आंदोलन खत्म करने का ऐलान, 11 दिसंबर को करेंगे बॉर्डर खाली
किसान मना रहे विजय दिवस कार्यक्रम
गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर सुबह 10 बजे विजय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके बाद सभी किसान (Farmers Movement End) घर लौटना शुरू कर दिए। सिंघु बॉर्डर से लौट रहे किसान स्पीकर पर गाने बजाकर डांस कर रहे हैं और एक दूसरे को मिठाईयां खिला रहे।
किसान नेता राकेश टिकैत का बयान
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि, आज से किसान (Farmers Movement End) अपने-अपने घर जा रहे हैं। लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे। फ़िलहाल देश में हजारों धरने-प्रदर्शन चल रहे हैं। हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे, फिर अपने घर जाएंगे।
पिछले एक साल से जारी था आंदोलन
पिछले एक साल से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जमें किसानों का धरना आज समाप्त (Farmers Movement End) हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए तीनों कृषि कानूनों (Agriculture law repealed) को रद्द करने का ऐलान किया था। शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया।
आंदोलन समाप्त नहीं किया है बल्कि स्थगित
कृषि कानून की वापसी के बाद भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई मांगों को लेकर धरने पर जमे रहे थे। लेकिन अब सरकार ने एक चिट्ठी भेजकर उनकी सभी मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर साल भर सरकार से वार्ता करते रहे। संयुक्त किसान मोर्चा की माने तो उन्होंने आंदोलन समाप्त नहीं किया, बल्कि स्थगित किया है। अगर सरकार अपने वायदे से पीछे हटती है तो किसान फिर से आंदोलन शुरू कर सकते हैं।
हरियाणा में ट्रैफिक इंतजाम
किसानों की वापसी को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने व्यापक ट्रैफिक इंतजाम किया है। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि रास्ते में पड़ने वाले सभी जिलों के एसपी को ट्रैफिक, सुरक्षा और कानून व्यवस्था को संभालने कहा गया है। अंबाला, बहादुरगढ़, हिसार और जींद में खास सुरक्षा बरती जा रही है।
मुक़दमे होंगे वापस
धरने के दौरान यूपी, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में दर्ज मुकदमों और केंद्र की एजेंसियों द्वारा दर्ज केस वापस लिया जाएगा। हरियाणा और यूपी सरकार ने मुआवजे पर सैद्धांतिक सहमति दी है और पंजाब सरकार ने इसका ऐलान किया है। पराली जलाने पर बनने वाले कानून में किसानों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं करने के प्रावधान होंगे।