नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कासगंज (Kasganj) में पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया, जब पुलिस हिरासत (police custody) में अल्ताफ नाम के एक युवक ने आत्महत्या (Suicide) कर ली। मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी ने लापरवाही बरतने पर सदर कोतवाल सहित पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया। मामले में कासगंज एसपी का कहना है कि अल्ताफ को एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जिसके बाद उसने अपने जैकेट में लगी डोरी को शौचालय में लगी पाइप में बांधकर गला कस लिया। जिससे उसकी मौत हो गई।
आज दिनाँक 9.11.21 को जनपद के थाना कोतवाली कासगंज में बंदी की मृत्यु होने के संबंध में #SP @kasganjpolice द्वारा लापरवाही बरतने पर 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की कार्यवाही की गई है, प्रकरण में की जा रही अन्य कार्यवाही के संबंध में पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गयी बाइट । pic.twitter.com/EvMnLA9ozG
— KASGANJ POLICE (@kasganjpolice) November 9, 2021
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क्या था पूरा मामला
दरअसल, कासगंज की सदर कोतवाली में नाबालिग लड़की भगाने के मामले में नामजद अभियुक्त अल्ताफ (22) को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान अल्ताफ ने मौजूद पुलिस कर्मचारी से बाथरूम जाने को कहा। काफी समय तक अल्ताफ के बाथरूम से बाहर ना आने पर पुलिस कर्मचारी अंदर गए। पुलिस कर्मचारी ने देखा कि अल्ताफ ने अपने जैकेट में लगी डोरी को पाइप में बांध लिया है। इसके बाद आनन-फानन में युवक को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
वहीं, मामले में लापरवाही बरतने पर कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने तत्काल प्रभाव से सदर कोतवाल वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, उप निरीक्षक विकास कुमार, उप निरीक्षक चंद्रेश गौतम, हेड मोहर्रिर धनेंद्र सिंह, कांस्टेबल सौरव सोलंकी को निलंबित कर दिया।
मृतक के पिता ने लगाया आरोप
इधर, मृतक के पिता का कहना है कि सोमवार को लड़की भगाने के शक में पुलिस ने अल्ताफ को थाने में बुलाया था। लेकिन जब मैं थाने पर गया तो पुलिस वालों ने मुझे भगा दिया। मुझे बाद में पता चला की मेरे बेटे नें फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए मृतक के पिता ने कहा कि, पुलिस वालों ने ही फांसी लगाकर उसकी हत्या कर दी है।
वहीं, अल्ताफ के पिता का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें वह कह रहे हैं कि उनके बेटे ने डिप्रेसन में आकर फांसी लगा ली थी, उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पिता चांद मियां ने कहा कि पुलिसिया दवाब में मुझसे बयान लिया गया और अगूंठा भी लगवाया गया है।
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मामले पर सियासी घमासान
फिलहाल यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने न्यायिक जांच की मांग की है, तो वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि, ‘कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है’.
कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है।
इस मामले में इंसाफ़ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए। #भाजपा_ख़त्म pic.twitter.com/sI2FT05Bv9
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 10, 2021
BSP प्रमुख मायावती ने किया ट्वीट
वहीं, बीएसपी प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) ने भी ट्वीट कर लिखा कि, ‘कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे। यूपी सरकार आएदिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात.’
कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे। यूपी सरकार आएदिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात।
— Mayawati (@Mayawati) November 11, 2021
कांग्रेस महासचिव ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं। उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.’
कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं।
उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 10, 2021
फिलहाल, इस घटना पर उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए है। इसके साथ ही कहा कि मामले में कोई भी बख्शा नहीं जाएगा और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी आदेश दिए है।