नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Modi) ने बुधवार को बाराबंकी (Barabanki) में एक जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये ऊर्जा, ये उत्साह सिर्फ बाराबंकी और अयोध्या (Ayodhya) तक ही सीमित नहीं है। बल्कि आज चौथे चरण में मतदाताओं को भी भारी संख्या में मतदान करते देखकर पूरे देश के लोकतंत्र प्रेमियों को एक विशेष आनंद हो रहा है। उत्तर प्रदेश में हो रहे ये चुनाव यूपी के विकास के साथ ही देश के विकास के लिए ही उतने ही महत्वपूर्ण है। यूपी के लोगों का विकास, भारत के विकास को गति देता है। यूपी के लोगों का सामर्थ्य, भारत के सामर्थ्य को बढ़ाता है।
UP Elections LIVE:चौथे चरण में 9 जिलों में मतदान जारी, 11 बजे तक 22.62% वोटिंग
15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि ये लोग बौखलाए हुए हैं, यूपी के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इन्हें पता नहीं है कि भाजपा की जीत का झंडा आज यूपी के गरीब ने खुद इस झंडे को उठा लिया है। यूपी में जिन 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है, वो आज भाजपा की विजय के लिए जी जान से जुटा हुआ है। जिन गरीबों, मध्यम वर्ग, बुर्जुगों को इस कोरोना काल में 28 करोड़ मुफ्त टीके लगे हैं, वो भाजपा के प्रतिनिधि बनकर उसकी जीत सुनिश्चित कर रहे हैं।
आएगी तो भाजपा ही
प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कोरोना वैक्सीन है जिनके कारण आज युवा स्कूल-कॉलेज जा पा रहे हैं। व्यापार-कारोबार चल पड़ा है। इसलिए यूपी कह रहा है… आएगी तो भाजपा ही! आएंगे तो योगी ही। पीएम मोदी ने कहा कि घर और स्कूल में शौचालय हो, गैस कनेक्शन हो, बिजली-पानी कनेक्शन हो, गर्भावस्था के दौरान हज़ारों रुपए की सीधी मदद हो, यूपी में हमने लाखों घर पीएम आवास योजना के बनाए हैं, वो भी ज्यादातर महिलाओं के ही नाम हैं।
यूपी में विकास की गति तेज
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जितनी सुविधाएं हमने बहनों को दी हैं, ये किसी की जाति या मजहब देखकर नहीं दीं। सबसे अधिक लाभ अगर इन योजनाओं का हुआ है तो हमारी दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज की बहनों को हुआ है। यूपी का सामर्थ्य बढ़ाने में यहां की 10 करोड़ से अधिक हमारी बहनों और बेटियों की बहुत बड़ी भूमिका है। अगर हमारी बहनें, बेटियां जकड़कर रहेंगी, बंधन में रहेगी तो यूपी तेज विकास की गति प्राप्त नहीं कर सकता।
पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से पहले की सरकारों ने हमारी बेटियों की जरूरतों और परेशानियों पर बिल्कुल ही आंखें बंद कर ली थी। अगर उनके हृदय में जरा भी दर्द होता, तो क्या वो उन मनचलों को खुली छूट देते, जो स्कूल से आने जाने वाली हमारी बेटियों को छेड़ते थे।