नई दिल्ली। बंगाल (West Bengal) में चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही सियासी जंग का शंखनाद हो गया है। इन दिनों पूरे देश की निगाहें सिर्फ और सिर्फ बंगाल चुनाव पर हैं। इसी कड़ी में आज नंदीग्राम से भाजपा प्रत्याशी शुवेंदु अधिकारी ने अपना नामांकन किया और ममता सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जनता इस बार भाजपा का साथ देगी और बंगाल में असली परिवर्तन के लिए भाजपा को ही लाएगी। प्रतियोगिता का कोई सवाल ही नहीं है, भाजपा ने 2019 में लोकसभा की 18 सीटें जीतीं। इस बार भारी अंतर से मजबूत सरकार बनाएंगे।
मुझे पूरा विश्वास है कि जनता इस बार भाजपा का साथ देगी और बंगाल में असली परिवर्तन के लिए भाजपा को ही लाएगी। प्रतियोगिता का कोई सवाल ही नहीं है, भाजपा ने 2019 में लोकसभा की 18 सीटें जीतीं। इस बार भारी अंतर से मजबूत सरकार बनाएंगे: शुवेंदु अधिकारी, नंदीग्राम से भाजपा प्रत्याशी pic.twitter.com/MUWGcnshyM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2021
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धर्मेंद्र प्रधान ने नंदीग्राम सीट को लेकर ममता को घेरा
वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नंदीग्राम सीट को लेकर टीएमसी सरकार पर निशाना साधा और कहा आने वाली 1 तारीख को बंगाल में कट मनी के खिलाफ निर्णय होगा। नंदीग्राम में दीदी यानि ममता बनर्जी ने कहा कि मैं यहां की लाठी खाई हूं। दीदी मैं 2006-2007 में भी नंदीग्राम आया था। आप किसके कंधे पर बैठी थीं? लाठी पहले कौन खाया? पहले लाठी खाने वाला शुवेंदु अधिकारी था।
आने वाली 1 तारीख को बंगाल में कट मनी के खिलाफ निर्णय होगा। नंदीग्राम में दीदी ने कहा कि मैं यहां की लाठी खाई हूं। दीदी मैं 2006-2007 में भी नंदीग्राम आया था। आप किसके कंधे पर बैठी थीं? लाठी पहले कौन खाया? पहले लाठी खाने वाला शुवेंदु अधिकारी था: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान pic.twitter.com/niwI4dJxry
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2021
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किसका होगा बंगाल
आपको बता दें कि नंदीग्राम विधानसभा सीट लगातार सुर्खियों में है, 10 मार्च को नामांकन भरने गईं ममता बनर्जी पर कथित हमले की ख़बर ने राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है।अब आज ममता को 50 हज़ार मतों से हराने की चुनौती दे चुके उनके पुराने सहयोगी शुभेन्दु अधिकारी बीजेपी की ओर से अपना पर्चा दाख़िल करने जा रहे हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में दीदी को मोदी और शाह की आक्रामक सियासी चालों से जूझना पड़ रहा है। अब सवाल उठता है कि क्या Bengal में 10 साल से राज कर रहीं दीदी, मोदी और शाह की आंधी में अपनी शाख बचा पाएंगी या इन्हें अबकी बार शिकस्त का सामना करना पड़ेगा।