नई दिल्ली: असम सरकार ने गुरुवार को एक अधिसूचना में कहा कि मिजोरम से असम में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की ‘प्रतिबंधित मादक पदार्थों’ को लेकर जांच की जाएगी। असम की सरकार ने ये अधिसूचना गुरुवार को जारी की है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही दो पुलिस बलों के बीच हुई झड़प में असम पुलिस के छह जवानों की हत्या कर दी गई थी। इस अधिसूचना से पहले असम सरकार ने सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर नागरिकों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी थी।
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1560 लोग गिरफ्तार
असम सरकार ने वाहनों की जांच के कदम को सही ठहराते हुए कहा कि दो महीन के भीतर 912 मामले दर्ज हुए हैं और 1560 लोग गिरफ्तार हुए हैं। भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवाएं जब्त की गई है। असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी जीपी सिंह ने एक ट्वीट में कहा गया है कि सरकार “मिजोरम और उसके आसपास से संचालित होने वाले ड्रग्स नेटवर्क के खिलाफ अपना आक्रामक रवैया बरकरार रखे हुए है। लोगों से सहयोग की अपील की।
नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान- सरकार
असम सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अवैध नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान के दौरान पाया गया कि अधिकांश मामले सीमापार मिजोरम से ही अंजाम दिए जा रहे हैं। मिजोरम के माध्यम से अवैध दवाओं की तस्करी समाज के लिए बहुत बड़ी चिंता और खतरा है। अवैध मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए मिजोरम से असम में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच करना जरूरी है। असम-मिजोरम की सभी सीमाओं पर असम पुलिसकर्मियों द्वारा वाहनों की पूरी तरह से जांच की जाएगी। वाहनों को तभी छोड़ा जाएगा जब संबंधित अधिकारी संतुष्ट होगा कि उसमें कोई प्रतिबंधित ड्रग्स तो नहीं है।
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मिजोरम की कोई प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि असम के इस कदम पर मिजोरम सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मिजोरम के सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि ये कदम मिजोरम के लोगों के उत्पीड़न के लिए है, जो कि देश के बाकी हिस्सों में असम की सड़क के माध्यम से ही पहुंच सकते हैं।