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World Schizophrenia Day 2021 : स्किजोफ्रेनिया एक जटिल और गंभीर मेंटल हेल्थ डिसॉर्डर

नई दिल्ली। हर साल 24 मई को दुनिया में विश्व स्किजोफ्रेनिया दिवस (World Schrizophrenia Day) मनाया जाता है। इस दिन का मनाने का उद्देश्य लोगों को इस मेंटल डिसॉर्डर के प्रति जागरूक करना है। इस बीमारी में व्यक्ति भ्रम की स्थिति में रहता है, उससे वो दृश्य दिखते हैं जो उसके साथ कभी घटे नहीं होते हैं। आज हम आपको इस बीमारी के बारे में बात रहे हैं। ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता नहीं होगा। आइए जानते हैं स्किजोफ्रेनिया से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

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स्किजोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक जटिल और गंभीर मेंटल हेल्थ डिसॉर्डर (Mental Health Disorder) है, जो मस्तिष्क के सामान्य कामकाज को प्रभावित करता है। लोगों की मति भ्रष्ट होने लगती है, भ्रमपूर्ण विचार रखते हैं, अव्यवस्थित व्यवहार और सोच रखने लगते हैं। ये डिसॉर्डर व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करता है और इसके लिए आजीवन इलाज की जरूरत होती है।

 

फ्रांस के डॉ फिलिप पिनेल को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय स्किजोफ्रेनिया को 24 मई को विश्व स्किजोफ्रेनिया दिवस के रूप में घोषित किया गया था। वो मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए इलाज और ह्यूमन केयर प्रोवाइड करने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे।

अब, जैसे-जैसे दिन नजदीक है, तो हम आपके लिए कुछ सामान्य चिन्ह और लक्षण लेकर आए हैं जो आपको स्किजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों की पहचान करने में मदद करेंगे।

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अव्यवस्थित सोच और भाषण, भ्रम, भावनाओं की गड़बड़ी, सामान्य रूप से कार्य करने की क्षमता में कमी आदि वयस्कों में स्किजोफ्रेनिया के सामान्य लक्षण हैं।
नींद न आना, स्कूल में प्रदर्शन में गिरावट, मित्रों और परिवार से अलग रहना, चिड़चिड़ापन या उदास मनोदशा, प्रेरणा की कमी आदि किशोरों में स्किजोफ्रेनिया के सामान्य लक्षण हैं।

अध्ययनों के अनुसार, जो लोग स्किजोफ्रेनिया से पीड़ित होते हैं उनकी मृत्यु सामान्य आबादी की तुलना में जल्दी होती है। दुनिया भर में लगभग 20 मिलियन लोग इस डिसॉर्डर से पीड़ित हैं। स्किजोफ्रेनिया के बारे में एक आम मिथक ये है कि इस डिसॉर्डर से पीड़ित लोगों का पर्सनालिटी स्प्लिट होती है, लेकिन ये झूठ है। रोगी केवल 1 पर्सनालिटी रखता है, बस वो भ्रमित हैं, भ्रम में हैं और अपनी छोटी सी दुनिया में रहते हैं।

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Priya Tomar
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