नई दिल्ली: दुश्मन हमेशा वार सीने पर ही करते हैं, पीठ पर खंजर से वार तो कोई अपना ही करता है। कुछ ऐसा ही वाकया चीन के साथ हुआ है। चीन और पाकिस्तान के निजी संबध किसी से छुपे नहीं है। दुनिया जानती है कि चीन पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करता है। और दोनों ही देश एक दूसरे की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मदद करते है। लेकिन अब इस दोस्ती में सब कुछ ठीक नही लग रहा है। दोनों के बीच दर्रा साफ दिखाई दे रही है। इसका सीधा उदाहरण उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में हुए बम धमाके (Pakistan Bus Blast) को देखकर लगाया जा सकता है।
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बम धमाके में 6 चीनियों की मौत
पाकिस्तान के उत्तरी इलाके में हुए धमाके में कम से कम 13 लोगों के मारे जाने की खबर है। जानकारी के मुताबिक टारगेट चुनकर यात्रियों से भरी एक बस को निशाना बनाया गया था जिसमें चीन के 6 नागरिकों की भी मौत हुई है। मरने वालों में दो पाकिस्तानी जवान भी शामिल है। इसके अलावा कई अन्य लोग इस धमाके में घायल हुए हैं। अभी साफ नहीं हो सका है कि क्या बम बस के अंदर की प्लांट किया गया था या फिर बाहर से उसे निशाना बनाया गया है। इस धमाके के बाद एक चीनी इंजीनियर और एक पाकिस्तानी जवान लापता है। हादसे में घायल लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एयर एंबुलेंस को तत्काल मौके पर भेजा गया है।
हाइड्रो प्रोजेक्ट को झटका
दसू हाइड्रो प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉनिक कॉरिडोर का हिस्सा है जिस पर 65 अरब डॉलर के निवेश का प्लान है. इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन की ओर से शुरू हुए बेल्ट एंड रोड प्लान का मकसद पश्चिमी चीन को दक्षिणी पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट से जोड़ना है।
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बता दे भारत में किसी भी तरह की आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की हर मदद और सहयोग चीन करता रहता है। वहीं भारत की ओर से UN में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट की मांग का भी चीन कई बार विरोध कर चूका है। एक तरफ जहां चीन में इस बम धामके के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। तो दूसरी ओर अभी तक चीनी सरकार ने इस बम धमाके पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। वहीं इस बम घमाके से ये तो साफ हो गया है कि पाकिस्तान और चीन भले ही कितने करीब क्यों ना आ जाए, पर पाकिस्तान अपनों पर हमला करना नहीं छोड़ेगा।