नई दिल्ली। बैंक कर्मचारियों ने बैंक में हड़ताल कर दी है और खुद सड़क पर उतर आए है। ये सब सरकार की निजीकरण की नीति को लेकर किया जा रहा है, क्योंकि सरकार के फैंसले से कोई भी बैंक कर्मचारी खुश नहीं है। सुत्रों से खबर आई है कि सुबह कनाट प्लेस एच-54 में बैंक कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और दोपहर में जंतर-मंतर विरोध जताया। बैंक कर्मचारियों ने कहा सरकार लोकहित को नजरंदाज कर रही है।
Delhi: ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर बदले नियम, जानें क्या है ये
इस सबको लेकर जब एआईएनबीओएफ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पंकज कपूर से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि- निजीकरण की नीति के खिलाफ जंतर-मंतर पर दो दिन धरना होगा। सोमवार को दिल्ली के सरकारी व अर्ध सरकारी बैंकों के कर्मचारी जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। मंगलवार को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स के नेतृत्व में दिल्ली के बैंक कर्मचारी फिर से जंतर-मंतर पर जुटेंगे और निजीकरण की नीति का पुरजोर विरोध करेंगे।
इसके अलावा इस मामले में दिल्ली प्रदेश महासचिव शिवशंकर सिंह ने सरकार से सीधे सवाल करके कहा कि- जब जनहित के नाते वर्ष 1969, 1980 और 1984 में निजी बैंकों को राष्ट्रीयकृत किया गया, तो आखिर अब किस कारण सरकार बैंको का निजीकरण कर रही है।
बात यहीं खत्म नहीं हुई क्योंकि चीजें धीरें-धीरें बढ़ती जा रही है। फिर इसको लेकर बैंक कर्मचारी अविनाश कुमार का भी बयान आया है उनका कहना है कि- सरकार कहती है कि सरकारी बैंको को नुकसान हो रहा है, इसका कारण भ्रष्टाचार है। सरकार सरकारी बैंकों के एनपीए जुटा ले देश के गरीबों की बड़ी समस्याओं हल हो जाएगी। अगर सरकारी बैंक बंद हुए तो गरीब व्यक्ति मारा जाएगा। स्वनिधि योजना, मुद्रा योजना जैसी तमाम योजनाएं सरकारी बैंकों से चलती हैं। सरकारी बैंक नहीं होंगे तो यह योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंचेंगी।
Delhi: दिल्ली-एनसीआर में आप 10 लाख के अंदर खरीद सकते है घर
आपको बता दे हड़ताल करने से कर्मचारियों का वेतन कटता है परंतु इस बात की परवाह किए बिना कर्मचारी अपने काम में लगे हुए है और अपनी शर्तों को जारी रख रहे है। लगतार दो दिन से हड़ताल जारी है।