नई दिल्ली। जामा मस्जिद (Jama Masdi) बहुत पुरानी और ऐतिहासिक इमारत है, जो कि दिल्ली में स्थिति है। इमारत काफी पुरानी है तो जाहिर है कि आंधी और पानी में नुकसान तो होगा ही। इसी तरह से अभी हाल ही में जब आंधी और बरसात आई दिल्ली में तो जमा मस्जिद को काफी नुकसान हुआ है। जामा मस्जिद की दक्षिणी मीनार का करीब दो मीटर लंबा हिस्सा टूटकर फर्स पर गिर गया। इसके बाद भी एक दो बार ऐसा हुआ है। तो ऐसे में लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
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बता दे कि साल 1965 से ही जामा मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में है। तो ऐसें में इस सबको देखते हुए जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने रविवार को अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि जल्द से जल्द विरासत विशेषज्ञों को जामा मस्जिद के बारे में संज्ञान लेना चाहिए। जामा मस्जिद के कुछ हिस्सों में तत्काल मरम्मत की जरुरत है।
वहीं इसक लेकर आगे सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि इस हादसे के कारण इसके चारों ओर के अन्य पत्थर भी ढीले हो गए हैं। लाल मीनार का गिरा हुआ टुकड़ा करीब दो मीटर लंबा, 12-18 इंच चौड़ा और करीब 2.5 इंच मोटा है। इसके साथ कई अन्य छोटे टुकड़े भी गिर गए हैं।दो दिन पहले दिल्ली में फिर से आई आंधी के कारण यह मीनार और भी क्षतिग्रस्त हो गई है।
और इसके अलावा जामा मस्जिद का एक बड़े पत्थर का टुकड़ा लटका हुआ है और यह कभी भी गिर सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मस्जिद की मरम्मत करवाने के लिए तत्काल एएसआई को आदेश देने की अपील की है, पिछले हफ्ते भी उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मामले जामा मस्जिद को दुरुस्त कराने के लिए आग्रह किया था।
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गौरतलब है कि शाहजहां ने 17वीं सदी में जामा मस्जिद (Jama Masdi) का निर्माण करवाया था। मौजूदा समय यह राजधानी दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। लेकिन एक हफ्ते पहले तेज आंधी और बारिश में भव्य मस्जिद की दक्षिणी मीनार क्षतिग्रस्त हो गई थी। पत्थर का एक बड़ा टुकड़ा नीचे गिर गया था।गनीमत रही कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।