नई दिल्ली। पूरे देश में जन्माष्टमी की तैयारियां धूम-धाम से की जा रही है। जहां एक तरफ लोगों ने कान्हा जी की झांकी तैयार करना शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ इस साल देश में जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी या फिर 19 अगस्त को, एक तारीख को लेकर लोगों में बहुत कन्फ्यूजन है। अगर आप भी जन्माष्टमी की तारीख को लेकर कन्फ्यूज हैं तो आइए जानते हैं कि आखिर किस तारीख को मनानी चाहिए जन्माष्टमी।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और इसी मुहूर्त में हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती है। पंचाग के अनुसार इस साल जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त दोनों को ही मनाई जाएगी। वहीं अगर हम मथुरा की बात करें तो वहां जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी।
जानिए इस साल कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक इस साल 18 अगस्त को रात 9 बजकर 20 मिनट पर अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी जो कि अगले दिन यानी कि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। वहीं अगर पूजा की बात करें तो निशीथ पूजा 18 अगस्त को रात 12 बजकर 3 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक की जा सकेगी। यानी पूजा करने के लिए सिर्फ 44 मिनट ही भक्तों के पास होगा। पारण 19 अगस्त को सुबह 5 बजकर 52 मिनट के बाद किया जाएगा, जिसका मतलब है कि भक्त 18 अगस्त को ही जन्माष्टमी का व्रत रख पाएंगे।
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि जहां एक तरफ कुछ लोग मानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था, 18 अगस्त को ये योग बनने के कारण जन्माष्टमी इसी दिन मनाई जाएगी। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि क्योंकि अष्टमी तिथि 19 अगस्त को पूरे दिन रहेगी और इसी तिथि में सूर्योदय भी होगा, इसलिए जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी।
ये हैं जन्माष्टमी के शुभ योग
अभिजीत मुहूर्त – ये 18 अगस्त को 12 बजकर 05 से शुरु होकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा
वृद्धि – ये योग 10 अगस्त को 8 बजकर 56 मिनट से शुरू हो चुका है और वो 18 अगस्त को शाम 8 बजकर 41 मिनट तक चलेगा
धुव्र योग- इस योग की शुरुआत 18 अगस्त को शाम 08 बजकर 41 मिनट से होगी और ये 19 अगस्त को शाम 08 बजकर 59 मिनट तक चलेगा